मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से जूझने वालों के लिए फायदेमंद होगा थेरेपी लेना, जानिए मुख्य लाभ
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में करीब 5.6 करोड़ लोग अवसाद से और 3.8 करोड़ लोग चिंता से पीड़ित हैं। इन मानसिक विकारों के कारण खुश रहना तो दूर, जीवन जीना भी कठिन हो जाता है। ऐसे में थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है, जिसके दौरान किसी पेशेवर मनोचिकित्सक से बात की जाती है। वे लोगों को अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना और खुश रहना सिखाते हैं। आइए थेरेपी लेने के लाभ जानते हैं।
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भावनाओं को व्यक्त करना हो जाता है आसान
थेरेपी के दौरान मनोचिकित्सक से खुलकर बात करने की जरूरत होती है। वे अतीत के बारे में बात करने को कहते हैं, जीवन से जुड़े अहम सवाल पूछते हैं और आपकी परेशानियों को समझने की कोशिश करते हैं। इसके जरिए आप अपनी भावनाओं को अच्छी तरह व्यक्त करना और बेहतर तरीके से बात करना सीख लेंगे। इससे आप असल जिंदगी में भी अपने करीबियों से खुलकर बात कर पाएंगे और आपको अपनी भावनाओं को मन में दबाकर नहीं रखना पड़ेगा।
#2
सीख जाते हैं परेशानियों का सामना करना
जो लोग मानसिक विकारों से जूझते हैं, उन्हें छोटी से छोटी समस्या भी बड़ी लगने लगती है। वे कठिन परिस्थितियों में घबराने लगते हैं और उनसे बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पाते। ऐसे में थेरेपी लेने से समस्याओं को आसानी से हल करने का कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। इसके जरिए आप समस्याओं से भागने के बजाय उनका सामना करना सीख जाएंगे और समझ पाएंगे कि वे असल में इतनी बड़ी नहीं होतीं, जितनी आप सोचते हैं।
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अतीत के सदमे से बाहर निकलने में मिलती है मदद
ज्यादातर लोगों को अवसाद या चिंता उनके अतीत के कारण होती है। जब भी उन्हें बीता हुआ कल याद आता है, वे घबराहट महसूस करने लगते हैं। ऐसे सदमे से बाहर निकलने के लिए थेरेपी लेना फायदेमंद होगा। इसके दौरान मनोचिकित्सक से आप वो बातें भी साझा कर पाएंगे, जिन्हें आपने अपने मन के किसी कोने में दबाकर रखा था। ऐसा करने से भावनाओं को संसाधित करना आसान हो जाएगा और आप धीरे-धीरे अतीत को स्वीकार कर आगे बढ़ जाएंगे।
#4
शारीरिक स्वास्थ्य भी हो जाता है दुरुस्त
जो व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार होता है, उसका शारीरिक स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। अवसाद जैसी परेशानियों के चलते भूख नहीं लगती, चक्कर आते हैं और कई लोग बेहोश तक हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कई लोगों का वजन चिंताजनक रूप से बढ़ने या घटने भी लगता है। ऐसे में अगर थेरेपी का सहारा लिया जाए तो मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शारीरिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त होने लगता है।
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मानसिक स्वास्थ्य हो जाता है बेहतर
थेरेपी कई मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज में मददगार हो सकती है। इनमें चिंता, अवसाद, जुनूनी-बाध्यकारी विकार (OCD) और दोध्रुवी विकार आदि शामिल हैं। मनोचिकित्सक इन विकारों की जड़ तक जाते हैं और इनके बारे में गहन अध्ययन करते हैं। इस वजह से वे इनका इलाज करने में सक्षम होते हैं। नियमित रूप से थेरेपी लेने से चिंता और अवसाद के लक्षणों में कमी आती है और सकारात्मक भावनाएं नकारात्मकता पर हावी होने लगती हैं।