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शक करने की आदत को बदलने के लिए अपनाएं ये टिप्स, मजबूत रहेगा आपका रिश्ता

शक करने की आदत को बदलने के लिए अपनाएं ये टिप्स, मजबूत रहेगा आपका रिश्ता

लेखन सयाली
Sep 27, 2025
07:15 pm

क्या है खबर?

कोई भी रिश्ता तभी मजबूत रहता है, जब उसमें भरोसा हो। अगर किसी रिश्ते में कोई एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर हर वक्त शक करता है तो उसकी नीव कमजोर हो जाती है। कुछ लोगों को शक करने की आदत उनके अतीत के अनुभवों के कारण लगती है। उनके लिए लोगों पर भरोसा करना आसान नहीं होता, क्योंकि वे धोखा खाने से डरते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो ये डेटिंग टिप्स अपनाकर इस आदत को बदलें।

#1

पता लगाएं कि आपको किस बात पर संदेह है 

शक करने की आदत को बदलने से पहले यह स्वीकार करना जरूरी है कि आप में यह कमी है। इसके बाद यह पता लगाने की कोशिश करें कि आपको अपने पार्टनर की किन बातों पर संदेश है। अपने पार्टनर से सवाल करने से पहले खुद से पूछें कि कहीं यह आपका अपना डर ही तो नहीं, जो संदेहपूर्ण ख्याल पैदा कर रहा है। अगर ऐसा लगे तो पहले खुद के ख्यालों को नियंत्रित करें, ताकि आप नकारात्मकता से बाहर निकलें।

#2

अपने पार्टनर से इस बारे में बात करें

अगर आप न चाहते हुए भी बार-बार अपने पार्टनर पर शक करते हैं तो इस बारे में उनसे बात करें। अपने पार्टनर से अपनी भावनाएं साझा करें और शंकाओं को बिना किसी झिझक के व्यक्त करें। इस दौरान मन को शांत रखें और गुस्से में बात न करें। लड़ने के बजाय पार्टनर को बताएं कि आपके मन में शक क्यों पैदा होता है। ऐसे में आप दोनों मिलकर उन मुद्दों पर काम कर पाएंगे और समस्या का समाधान निकाल पाएंगे।

#3

नकारात्मक ख्यालों को मन से निकालें

हमारा दिमाग हमारी कल्पना में उन समस्याओं को भी बहुत बड़ा बना देता है, जो असल में बहुत छोटी होती हैं। इसलिए शक होने पर तुरंत नतीजे पर ना आएं और ठंडे दिमाग से काम लें। अपने मन को शांत करने के लिए नकारात्मक ख्यालों को दूर करें और सकारात्मक चीजें सोचें। ऐसे वक्त पर रिश्ते के यादगार पलों के बारे में सोचना, अपने पार्टनर के साथ वक्त बिताना और उनकी खूबियों को याद करना मददगार होगा।

#4

थेरेपी लें

अगर आपके निरंतर प्रयास करने के बाद भी आपकी शक करने की आदत नहीं जा रही है तो आपको मदद की जरूरत है। ऐसे में किसी पेशेवर रिलेशनशिप थेरेपिस्ट से बात करना अच्छा निर्णय होगा। थेरेपी लेने से आप अपनी नकारात्मक मानसिकता को बदल सकेंगे और धीरे-धीरे अतीत के सदमे से बाहर आ जाएंगे। इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाएगा और आप बात-बात पर अपने पार्टनर पर शक नहीं करेंगे।