ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण हुआ बप्पी लहरी का निधन, जानिए क्या है यह बिमारी
क्या है खबर?
अपनी गायकी से सबका दिल जीतने वाले गायक और संगीतकार बप्पी लहरी का बुधवार को 69 साल की उम्र में निधन हो गया।
मंगलवार को उनकी तबियत बहुत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
क्रिटिकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने बताया कि बप्पी लहरी की मौत का कारण ऑबस्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) है।
आइए जानते हैं कि OSA क्या है और इससे कैसे बचें।
बीमारी
क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया?
स्लीप एपनिया के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) और सेंट्रल स्लीप एपनिया।
OSA नींद से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रसित व्यक्ति को सोते वक्त सांस लेने में मुश्किल होती है और उसकी रात में बार-बार नींद खुल जाती है।
दरअसल, नींद के दौरान ऊपरी गले की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं, इसलिए ऊतक वायु मार्ग को बंद कर देते हैं। इस कारण सांस लेने में परेशानी होती है।
कारण और लक्षण
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण और लक्षण
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण: मोटापा, न्यूरोमस्कुलर रोग यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली बीमारियां, किडनी संबंधी समस्या, दर्द निवारक दवाइयां और यह बीमारी आनुवंशिक भी हो सकती है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण: सांसों में रूकावट होना, तेज-तेज खर्राटे लेना, एकाग्रता में कमी, रात में बार-बार पेशाब आना, सुबह जागने पर मुंह सूखने की समस्या और सिर दर्द होना आदि OSA के सामान्य रूप से सामने आने वाले लक्षण हैं।
खतरा
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा किन लोगों को ज्यादा है?
विशेषज्ञों से मानें तो मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का अधिक खतरा है।
इसके साथ ही उम्रदराज, मधुमेह, हाइपोथायरायडिज्म और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित लोगों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने की संभावना अधिक होती है।
यही नहीं, आमतौर पर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
जानकारी
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का इलाज
अगर आपको ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया है तो इसके इलाज के तौर पर डॉक्टर आपको ब्रीदिंग डिवाइस या टंग रिटेनिंग डिवाइस इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर मामला गंभीर हो जाता है तो डॉक्टर सर्जरी कराने को कह सकते हैं।
बचाव के उपाय
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से बचने के उपाय
अगर आप ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से बचकर रहना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपनी जीवनशैली को स्वस्थ रखने की कोशिश करें।
उदाहरण के लिए, नियमित तौर पर संतुलित आहार का सेवन करें और धूम्रपान, शराब और जंक फूड आदि चीजों का सेवन न करें।
इसके अलावा, समय से सोने और समय से जागने का नियम बना लें। इसी के साथ नियमित तौर पर कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी करें ताकि आपका वजन नियंत्रण में रहे।