इन मशहूर भारतीय परंपराओं के पीछे हैं वैज्ञानिक कारण
कई भारतीय परंपराओं को अंधविश्वास माना जाता था, लेकिन उनमें से ज्यादातर के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। ये परंपराएं और रीति-रिवाज सरल तर्क और तथ्यों पर आधारित हैं, इसलिए उन्हें अपनाने में ऐतराज नहीं होना चाहिए। हमने इस विषय पर विशेषज्ञ सागर चंदोला से बातचीत की, जिन्होंने हमें मशहूर भारतीय परंपराओं के पीछे के वैज्ञानिक कारण को समझाया। आइए उन कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जमीन पर बैठकर भोजन करना
जब आप जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं तो इसका पाचन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे पेट की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं और पेट के एसिड का स्राव बढ़ जाता है। इसके जरिए भोजन को पचाने में आसानी होती है। इसके विपरीत, अगर आप खड़े होकर खाना खाते हैं तो इससे पेट में सूजन, ऐंठन और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हमेशा जमीन पर बैठकर खाना ही अच्छा है।
मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाना
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के कई फायदे है। सबसे पहला तो यही है कि इन बर्तनों में खाना बनाते समय तेल की बहुत कम जरूरत पड़ती है और भोजन स्वादिष्ट भी बनता है। दूसरी वजह है कि इनमें बनाया जाने वाला खाना कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है। ये पोषक तत्व आपके ऊर्जा स्तर में सुधार करने और कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में मदद कर सकते हैं।
व्रत रखना
व्रत रखने (फास्टिंग) को कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है। यह शरीर के ब्लड प्रेशर को सुधारने, वजन घटाने और पेट की सूजन को कम करने में काफी मदद कर सकता है। फास्टिंग शरीर से कई विषाक्त पदार्थों को निकालने में भी मदद करता है। विषाक्त पदार्थों की नियमित सफाई से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। फास्टिंग करने से पाचन क्रिया पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
चावल के आटे से रंगोली बनाना
इस भारतीय परंपरा का संबंध स्वास्थ्य, धार्मिक समेत वातावरण से भी जुड़ा है। वातावरण की बात करें तो चावल का आटा ईको-फ्रेंडली होता है और इसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, रंगोली बनाते समय आप जो मुद्रा बनाते हैं, उससे कमर और कूल्हे की अच्छी एक्सरसाइज भी हो जाती है। यह हाथों को मजबूती प्रदान करने में भी सहायक है।
हाथ से खाना खाना
हाथ से खाना खाते समय हम लोग धीरे-धीरे और मन लगाकर खाना खाते है, जिसकी वजह से हम कम खाने पर भी पेट भरा-भरा लगता है और हम ओवरईटिंग से बच जाते हैं। इसके अतिरिक्त, हाथ से खाना खाने से मन को शांति मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप दिमाग पर बेहतर तरीके अपना कार्य करता है और इससे मानसिक जागरूकता भी बढ़ने लगती है। इसलिए हाथ से खाना खाना शुरू कर दें।