दुनिया के 5 सबसे दुर्लभ पक्षी, जिनकी संख्या है बहुत कम
क्या है खबर?
दुनिया में पक्षियों की लगभग 10,000 प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ बहुत ही दुर्लभ हैं। दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियां अक्सर अपने प्राकृतिक आवासों में बहुत कम संख्या में पाई जाती हैं। इस वजह से ये प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। आइए आज हम आपको दुनिया के पांचे सबसे दुर्लभ पक्षियों के बारे में बताते हैं, जिनकी संख्या 200 से भी कम रह गई है और ये हीलियम के गुब्बारों की तरह उड़ती हैं।
#1
काकापो
काकापो न्यूजीलैंड का एक खास पक्षी है, जो अपने मोटे शरीर और हरे रंग की वजह से जाना जाता है। यह पक्षी उड़ नहीं सकता और ज्यादातर समय जमीन पर ही रहता है इसलिए इसे 'सोते हुए तोते' के नाम से भी जाना जाता है। काकापो की संख्या बहुत कम है और इन्हें बचाने के लिए न्यूजीलैंड सरकार कई कोशिशें कर रही है। इस समय काकापो की संख्या सिर्फ 200 के करीब है।
#2
स्पिक्स मैकॉ
ब्राजील का स्पिक्स मैकॉ एक नीला तोता है, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यह पक्षी भी बहुत कम संख्या में पाया जाता है और इनके बचाव के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। स्पिक्स मैकॉ मुख्य रूप से ब्राजील के बाहिया इलाके में मिलता है और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए इन्हें अन्य देशों में भी भेजा गया है।
#3
फिलीपीन ईगल
फिलीपीन ईगल देश का राष्ट्रीय पक्षी है और इसे 'फिलीपीन एजेल' भी कहते हैं। इस पक्षी का वजन लगभग 8 किलोग्राम तक होता है और यह अपने मजबूत पंजों और तेज नाखूनों के लिए जाना जाता है। फिलीपीन ईगल भी बहुत कम संख्या में पाया जाता है और इनके बचाव के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। फिलीपींस के जंगलों में यह पक्षी मुख्य रूप से पाया जाता है।
#4
कैलिफोर्निया कोंडोर
कैलिफोर्निया कोंडोर अमेरिका का एक खास पक्षी है, जो अपने बड़े पंखों के लिए जाना जाता है। यह पक्षी भी बहुत कम संख्या में पाया जाता है और इनके बचाव के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। कैलिफोर्निया कोंडोर मुख्य रूप से कैलिफोर्निया के पहाड़ों में मिलता है और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए इन्हें अन्य देशों में भी भेजा गया है। इस समय कैलिफोर्निया कोंडोर की संख्या 500 के करीब है।
#5
स्पून-बिल्ड सैंडपाइपर
स्पून-बिल्डेड सैंडपाइपर एक छोटे आकार का पक्षी है, जो अपने चम्मच जैसे आकार वाले पंजों के लिए जाना जाता है। यह पक्षी भी बहुत कम संख्या में पाया जाता है और इनके बचाव के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। स्पून-बिल्डेड सैंडपाइपर मुख्य रूप से रूस के साइबेरिया इलाके में मिलता है और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए इन्हें अन्य देशों में भी भेजा गया है।