हैदराबाद के नजदीक स्थित हैं ये ऑफबीट पर्यटन स्थल, जहां मजे से बितेंगे छुट्टियों के दिन
क्या है खबर?
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद अपने धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक इमारतों, प्राकृतिक जगहों और समुद्री बीच की वजह से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
इसके अलावा, यह आकर्षक संग्रहालयों और शानदार मस्जिदों के माध्यम से अपने गौरवशाली अतीत को दर्शाता है।
हैदराबाद पर्यटन की दृष्टि से काफी संपन्न है और आज हम आपको इसके नजदीक मौजूद ऑफबीट पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाकर आप अपनी छुट्टियों के दिन मजे से बिता सकते हैं।
#1
मेदक
हैदराबाद से कुछ ही दूरी पर स्थित मेदक एक छोटा सा शहर है, जो मुख्य रूप से मेदक किले के लिए जाना जाता है।
यह किल काकतीय साम्राज्य के इतिहास से संपन्न है और इसमें हिंदू और इस्लामी दोनों शैली की वास्तुकला मौजूद है।
यह किला पहाड़ी स्थित है, जहां आप ट्रेकिंग करते हुए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप यहां पोचारम वन्यजीव अभयारण्य, एडिथानूर गुफाएं और सिंगुर बांध भी देख सकते हैं।
#2
बेलम गुफाएं
बेलम गुफाओं की खोज सन् 1884 में एक ब्रिटिश सर्वेक्षक रॉबर्ट ब्रूस फूटे ने की थी, जिसकी संरचना एक शेर के सिर जैसी दिखती हैं, इसलिए इसे सिंहद्वारम भी कहा जाता है।
जब आप इस गुफा की चट्टानों से टकराते हैं तो सप्तस्वराला गुहा में स्टैलेक्टाइट्स द्वारा बनाई गई आवाजें एक प्रमुख आकर्षण होती हैं।
यकीनन आपको इन गुफाओं में घूमकर मजा ही आ जाए क्योंकि ये आपको एक अलग की अनुभव प्रदान करती हैं।
#3
कनकई झरना
हैदराबाद के पास आदिलाबाद जिले में बाजारहटनूर मंडल के गिरनूर नामक एक छोटे से गांव में कदेम नदी पर कनकई झरना बहता है।
बता दें कि इस छोटे से गांव में एक नहीं बल्कि तीन झरने हैं, जिसमें से एक कनकदुर्गा झरना के नाम से जाना जाता है, जहां ग्रामीण देवी कनक दुर्गा की पूजा करने आते हैं।
इसके अतिरिक्त, यह पूरा क्षेत्र घनी वनस्पतियों और ऊंची चट्टानों से भरा हुआ है।
#4
पाखल वन्यजीव अभयारण्य
तेलंगाना के वारंगल जिले में पाखल वन्यजीव अभयारण्य में देखने लायक कई चीजे हैं।
तरह-तरह के पेड़-पौधे से भरे इस वन में कई जानवर और एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण 1213 ई. में काकतीय राजा गणपति देव द्वारा कृष्णा नदी के लिए एक सहायक नदी पर सिंचाई के उद्देश्य से किया गया था।
पाखल झील पर्यटकों के घूमने और आराम करने के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन गया है।