नींद पूरी न होने से हो सकती हैं बड़ी परेशानिया, इन संकेतों पर रखें नजर
आधुनिक जीवन की भागदौड़ में लोगों की नींद पूरी न होना एक आम बात हो गई है। रोजमर्रा के कामों और बढ़ते स्क्रीन टाइम के कारण नींद को लोग प्राथमिकता नहीं दे पाते, जिसके चलते थकान होती है। नींद का अभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी हानि पंहुचा सकता है। अगर आप भी अपने रोजाना के कामों में व्यस्त रहने के चलते अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
संज्ञानात्मक हानि
अपर्याप्त नींद से संज्ञानात्मक हानि होने का खतरा रहता है। इसके कारण याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। नींद न पूरी होने पर लोगों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है, साथ ही चीजे भूलना आम बात हो जाती है। अन्य खतरों में ध्यान लगाने और निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। नींद के अभाव से चिड़चिड़ाहट का शिकार व्यक्ति को गुस्सा जल्दी आता है। ऐसे संकेत महसूस होने पर नींद पूरी करने की कोशिश करें।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
लगातार नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है। ऐसे में शरीर संक्रमण और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। नींद की कमी से पाचन शक्ति अत्याधिक प्रभावित हो जाती है, जिसके चलते पेट की समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली सर्दी या फ्लू जैसी परेशानियों को दूर रखने के लिए जिम्मेदार होती है। नींद के अभाव से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिस वजह से बीमारियां शरीर में घर कर जाती हैं।
मानसिक तनाव
नींद की कमी अवसाद और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य विकारों को बढ़ावा देती है। अत्याधिक तनाव से दिल के दौरे का भी खतरा रहता है। तनावपूर्ण व्यक्ति का स्वाभाव गुस्से वाला हो जाता है और सर दर्द, बदन दर्द जैसी परेशानिया होने लगती हैं। नींद पूरी होने पर ये लक्षण दिखने बंद हो जाते हैं। कम सोने से शरीर में थकावट और उलझन होने लगती है। इसके चलते व्यक्ति चिंता और अवसाद से ग्रसित हो जाता है।
ठीक से काम नहीं करता शरीर
नींद की कमी समन्वय, प्रतिक्रिया समय और समग्र एथलेटिक क्षमताओं सहित शारीरिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे व्यक्ति की रोज़ाना कामों को करने की गति भी धीमी होने लगती है। आलस के चलते सभी कामों से मन हटने लगता है और लोग सामान्य काम भी धीरे-धीरे करने लगते है। नींद की कमी का असर कामों को करने के तरीके पर भी पड़ता है। शरीर आसानी से थक जाता है और लोग काम से जी चुराने लगते है।
हार्मोनल असंतुलन
भूख, तनाव और विकास से संबंधित हार्मोन को नियमित करने में नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींद की कमी इस नाजुक संतुलन को बिगाड़ती है। गौरतलब है कि नींद के अभाव से वजन बढ़ना, तनाव का स्तर बढ़ना और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं होती हैं।