अध्ययन में हुआ जीन में छिपे कैंसर के खतरों का खुलासा, जानिए कैसे करें बचाव
कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जो कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। इस रोग के कारण कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं और शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देती हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक जीन में हजारों आनुवंशिक परिवर्तनों का पता लगाया है, जो लोगों में स्तन और अंडाशय के कैंसर के विकास के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इस नए अध्ययन की मदद से कैंसर का जोखिम मूल्यांकन और उपचार बेहतर किया जा सकेगा।
वेलकम सेंगर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था अध्ययन
यह अध्ययन वेलकम सेंगर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया था, जिसमें उन्होंने कैंसर सुरक्षा जीन RAD51C पर ध्यान केंद्रित किया था। इसके जरिए 3,000 से अधिक हानिकारक आनुवंशिक परिवर्तनों की खोज की गई, जो स्तन कैंसर के आक्रामक उप-प्रकार के जोखिम को 4 गुना और अंडाशय के कैंसर को 6 गुना बढ़ा सकते हैं। इस शोध के लिए स्वास्थ्य डाटाबेस से डाटा लेकर उसका विश्लेषण किया गया था।
अध्ययन के नतीजों से होगी डॉक्टरों की मदद
इस अध्ययन के परिणामों को सभी के लिए उपलब्ध कर दिया गया है, ताकि डॉक्टरों को कैंसर के खतरे का अधिक सटीक अनुमान लगाने में मदद मिल सके। अध्ययन से उजागर हुआ है कि कैंसर बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को है, जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है। भारत में जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं, उन्हें फेफड़ों का कैंसर ज्यादा मात्रा में प्रभावित करता है।
जानिए महिलाओं में कैंसर का कितना खतरा है?
RAD51C जीन DNA की मरम्मत के लिए जरूरी प्रोटीन के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस जीन के वेरिएंट प्रोटीन को काम करने से रोकते हैं और स्तन व अंडाशय के कैंसर के खतरे को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। खराब RAD51C जीन वाली महिलाओं में स्तन कैंसर विकसित होने का 15 से 30 प्रतिशत जोखिम और अंडाशय कैंसर विकसित होने का 10 से 15 प्रतिशत जोखिम होता है।
अध्ययन से सामने आई ये अन्य जानकारी
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने एक बर्तन में विकसित मानव कोशिकाओं के जीन कोड को बदलकर RAD51C जीन में 9,188 अद्वितीय परिवर्तनों के प्रभाव को समझने का प्रयास किया। उन्होंने इनमें से 3,094 वेरिएंट की पहचान की, जो जीन के कार्य को बाधित कर सकते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। अध्ययन में हाइपोमोर्फिक एलील्स के अस्तित्व का भी पता चला, जो RAD51C जीन के कार्य को पूरी तरह से प्रभावित किए बिना कम कर देता है।