अरुणाचलम मुरुगनाथम से सीखने को मिल सकते हैं जीवन में धैर्य के नियम
अरुणाचलम मुरुगनाथम का नाम सुनते ही हमें एक ऐसे व्यक्ति की याद आती है, जिसने महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उन्होंने अपने संघर्षों और धैर्य से यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान हो सकता है। उन्होंने महिलाओं की स्वच्छता के लिए सस्ते सैनिटरी पैड बनाने का बीड़ा उठाया और समाज में बदलाव लाया। आइए मुरुगनाथम के जीवन से कुछ जरूरी धैर्य के सबक जानें।
असफलताओं को स्वीकार करें और उनसे सीखें
मुरुगनाथम ने अपने शुरुआती प्रयासों में कई बार असफलताएं देखीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हर असफलता को उन्होंने एक नए अनुभव की तरह लिया और उससे सीखा। उनका मानना था कि असफलताएं हमें सिखाती हैं कि हम कहां गलत हो रहे हैं और कैसे सुधार किया जा सकता है। इसलिए जब भी आप किसी काम में असफल हो तो उसे एक सीखने का मौका समझें।
आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लें
जब मुरुगनाथम ने सस्ते सैनिटरी पैड बनाने का विचार रखा, तब उन्हें समाज से बहुत आलोचनाएं मिलीं। उन्होंने इन आलोचनाओं को अपनी प्रेरणा बना लिया और इसे अपने काम में सुधार का मौका समझा। उनका कहना था कि अगर लोग आपकी आलोचना कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप कुछ अलग और अहम कर रहे हैं इसलिए आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लें और उन्हें अपनी ताकत बनाएं।
निरंतर प्रयास करते रहें
मुरुगनाथम ने कभी भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में कमी नहीं आने दी। चाहे कितनी भी मुश्किलें आई हों, उन्होंने हमेशा निरंतर प्रयास किया। उनका मानना था कि सफलता उन्हीं को मिलती है, जो लगातार मेहनत करते रहते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। इसलिए चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें और कभी हार न मानें।
खुद पर विश्वास रखें
मुरुगनाथम का सबसे बड़ा सबक यह है कि खुद पर विश्वास रखना चाहिए। जब सभी लोग उनके खिलाफ थे तब भी उन्होंने खुद पर विश्वास बनाए रखा और सफल हुए। उनका कहना था कि अगर आप खुद पर विश्वास करेंगे तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती। उन्होंने अपने आत्मविश्वास के बल पर ही समाज में बदलाव लाया और महिलाओं की स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांति ला दी।
समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखें
मुरुगनाथम ने सिर्फ अपनी सफलता के लिए नहीं बल्कि समाज की भलाई के लिए काम किया। उनका उद्देश्य महिलाओं की स्वच्छता सुनिश्चित करना था ताकि वे स्वस्थ रह सकें। इस जज्बे ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और वे सफल हुए। इन पांच सबकों से हम सीख सकते हैं कि जीवन में धैर्य रखना कितना जरूरी है और कैसे हम कठिनाइयों का सामना करके सफलता प्राप्त कर सकते हैं।