विपश्यना मेडिटेशन: जानिए इस ध्यान की तकनीक के फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
विपश्यना मेडिटेशन एक प्राचीन बौद्ध ध्यान तकनीक है, जिसे अंतर्दृष्टि ध्यान भी कहा जाता है। इस मेडिटेशन को आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि की सबसे बेहतरीन पद्धति माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यह आंतरिक शांति की भावना उत्पन्न करता है और मानसिक स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखने में सहायक है। आइए आज हम आपको इस मेडिटेशन के अभ्यास का तरीका और इससे संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
विपश्यना मेडिटेशन क्या है?
विपश्यना का अर्थ है "विशेष दर्शन।" यह बौद्ध ध्यान तकनीक का अभ्यास दक्षिण पूर्व एशिया और श्रीलंका में काफी मशहूर था। इसे लगभग 2400 साल पहले भगवान बुद्ध ने बनाया था। 20वीं सदी की शुरुआत में बर्मा के महासी सयादव द्वारा इसे फिर से पुनर्जीवित किया गया था। उनकी मृत्यु के बाद यू पंडिता विपश्यना के प्रमुख गुरु बन गए। यह मेडिटेशन प्राणायाम और साक्षीभाव का मिलाजुला रूप है।
विपश्यना मेडिटेशन के फायदे
अगर नियमित रूप से विपश्यना मेडिटेशन का अभ्यास किया जाए तो इससे ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है और अकेलेपन की भावना से भी छुटकारा मिलता है क्योंकि आप अंदर से खुद को पूरा महसूस करने लगते हैं। इसके अतिरिक्त, यह अवसाद, तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है। 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, विपश्यना का अभ्यास करने वाले व्यक्तियों ने उच्च स्तर के विकास, आत्म-स्वीकृति और सकारात्मक संबंधों का अनुभव किया।
विपश्यना मेडिटेशन करने का तरीका
सबसे पहले एक शांत जगह पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें और अपने पैरों को क्रॉस करें। इसके बाद अपनी पीठ को सीधा करके अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें, फिर अपनी आंखें बंद करें और सामान्य रूप से सांस लें। अब अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करते हुए ध्यान लगाने की कोशिश करें। शुरूआत में इस मेडिटेशन को 5-10 मिनट करें, फिर समय को धीरे-धीरे बढ़ाएं। अधिकतम लाभ के लिए विपश्यना का अभ्यास ब्रह्म मुहूर्त में करें।
विपश्यना मेडिटेशन से जुड़ी सावधानियां
अगर आप पहली बार विपश्यना मेडिटेशन का अभ्यास करने वाले हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और इसके बाद ही इसका अभ्यास करें। अपने मन और शरीर में सकारात्मक परिणाम देखने के लिए धैर्य रखना महत्वपूर्ण है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर या मानसिक समस्याओं से पीड़ित या भावनात्मक रूप से दुरुस्त नहीं है तो उसे विपश्यना का अभ्यास करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए।