
मोर के बारे में जानिए ये 5 रोचक तथ्य, जो आपको हैरान कर देंगे
क्या है खबर?
मोर को हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी माना गया है। यह पक्षी अपने खूबसूरत पंखों के लिए प्रसिद्ध है।
अगर आप सोचते हैं कि मोर के सिर्फ पंख सुंदर होती है तो आपको बता दें कि इसके अलावा भी मोर में कई ऐसे खास गुण हैं, जो इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाते हैं।
आइए आज हम आपको मोर से जुड़े पांच ऐसे रोचक तथ्य बताते हैं, जो आपको हैरान कर देंगे।
#1
मोरों का आकार और वजन
मोर भारतीय उपमहाद्वीप का एक बड़ा पक्षी है, जो लगभग ढाई फीट लंबा होता है और इसका पंख फैलाकर ऊंचाई पांच फीट तक जाती है।
इसके अलावा इसका वजन लगभग चार किलोग्राम होता है।
मोर के पंखों की बात करें तो नर मोर के पंख नीले और हरे रंग के होते हैं, जबकि मादा मोर के पंख भूरे रंग के होते हैं। नर मोर के पंखों पर आंखों जैसे पैटर्न होते हैं।
#2
मोरों की आवाज
मोर की आवाज बेहद अनोखी होती है। नर मोर की आवाज को 'कलरव' कहा जाता है, जो बहुत ही तेज होती है और इसे दूर-दूर तक सुना जा सकता है।
नर मोर अपनी आवाज से मादा मोर को आकर्षित करते हैं और उनका ध्यान अपनी ओर खींचते हैं।
इसके अलावा नर मोर अपनी आवाज के जरिए अन्य नर मोरों को भी चुनौती देते हैं, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा होती है और सबसे मजबूत नर मोर जीतता है।
#3
मोरों की उड़ान
मोर बहुत अच्छे उड़ान वाले पक्षी नहीं होते, लेकिन जब उन्हें खतरा महसूस होता है तो वे तुरंत उड़ान भर लेते हैं।
मोर अपनी छोटी और चौड़ी पंखों के कारण ऊंचाई पर ज्यादा देर तक उड़ नहीं सकते हैं, लेकिन जमीन से ऊंचे पेड़ों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
मोर अपनी उड़ान में तेज गति से उड़ते हैं और जरूरत पड़ने पर ही उड़ान भरते हैं।
#4
मोरों का सामाजिक व्यवहार
मोर सामाजिक जानवर होते हैं, जो झुंड बनाकर रहते हैं। नर मोर अपने क्षेत्र की रक्षा करते हुए अन्य नर मोरों से लड़ाई करते हैं और अपनी मादा को सुरक्षित रखते हैं।
मादा मोर अपने बच्चों की देखभाल करती हैं और उन्हें सिखाती हैं कि कैसे खाना खाया जाए और कैसे उड़ान भरी जाए।
इसके अलावा मोर एक-दूसरे के साथ संवाद करते हैं जिससे उनका सामाजिक बंधन मजबूत होता है।
#5
मोरों की अनोखी आदतें
मोर अपने शरीर पर पानी लगाकर खुद को ठंडा रखते हैं। जब भी वे पानी में बैठते हैं तो उनका पूरा शरीर पानी से भर जाता है जिससे वे ठंडे रहते हैं।
इसके अलावा मोर अपने पंखों को फैला कर उन्हें सूरज की रोशनी में सुखाते हैं, जिससे उनके पंख स्वस्थ रहते हैं।
मोर अपने पैरों को जमीन पर रगड़ते हैं जिससे उनकी त्वचा पर मौजूद कीटाणु हट जाते हैं।