
त्रिकोणासन: जानिए इस आसन के अभ्यास का तरीका और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
त्रिकोणासन एक प्राचीन योग मुद्रा है, जो शरीर की स्थिरता, शक्ति और संतुलन को बढ़ाने में मदद करती है।
यह आसन शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है। त्रिकोणासन का अभ्यास करने से मांसपेशियों में लचीलापन आता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
इसके अलावा यह ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और तनाव को कम करता है।
इस लेख में हम त्रिकोणासन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
#1
त्रिकोणासन करने का सही तरीका
त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को लगभग तीन से चार फीट की दूरी पर फैलाएं।
अब अपने दाहिने पैर को 90 डिग्री पर मोड़ें और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर रखें।
अपनी बाहों को कंधे की ऊंचाई तक उठाएं, फिर धीरे-धीरे दाहिनी ओर झुकें। ध्यान दें कि पीठ सीधी रहे और आपका चेहरा ऊपर की ओर हो।
इस स्थिति में कुछ सेकंड रुकें और फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
#2
सांस लेने का सही तरीका अपनाएं
त्रिकोणासन करते समय सांस लेने का सही तरीका बहुत अहम होता है।
जब आप झुकते हैं तो गहरी सांस लें और जब आप सामान्य स्थिति में लौटते हैं तो धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
यह प्रक्रिया आपके फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है और आपको अधिक ऊर्जा देती है।
इसके अलावा यह आपके मन को शांत रखने में भी मदद करती है, जिससे आप बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
#3
इस आसन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले लाभ
त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियों में लचीलापन आता है, जिससे चोट लगने का खतरा कम होता है।
यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है, जिससे चलने में कोई दिक्कत नहीं होती और आप अधिक आत्मविश्वास से चलते हैं।
नियमित अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है, जो तनाव कम करने में सहायक होती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाती है।
#4
सावधानियां बरतना है जरूरी
त्रिकोणासन करते समय कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए।
यह आसन सरल दिख सकता है, लेकिन सही तरीके से न करने पर चोट लग सकती है।
अगर आपकी पीठ या गर्दन में कोई समस्या है, तो इसे किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करें।
गर्भवती महिलाओं को इस आसन से बचना चाहिए या डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि कोई अनहोनी न हो सके।
अगर आपको चक्कर आने की समस्या है तो इस आसन को करते समय विशेष ध्यान दें।