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भील कला: जानिए इस कला से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
भील कला से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

भील कला: जानिए इस कला से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

लेखन अंजली
Oct 26, 2025
09:54 am

क्या है खबर?

भील कला भारत की एक पुरानी और समृद्ध कला है। यह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के भील जनजातियों द्वारा विकसित की गई थी। इस कला में प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता है और यह ग्रामीण जीवन, धार्मिक रीति-रिवाज और त्योहारों से जुड़ी होती है। भील कला की विशेषताएं इसकी जीवंतता और रंगों की गहराई में देखी जा सकती हैं। आइए इसके बारे में महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।

#1

प्राकृतिक रंगों का उपयोग

भील कला में प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता है। ये रंग पौधों, खनिजों और जानवरों से प्राप्त होते हैं। जैसे हरी पत्तियों से हरा रंग, हल्दी से पीला रंग, लाल मिट्टी से लाल रंग आदि। इस प्रकार ये रंग न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ भी रहते हैं। इस कला में उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक रंगों की प्रक्रिया भी बहुत रोचक है, जो इसे अन्य कलाओं से अलग बनाती है।

#2

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भील कला का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। यह कला न केवल सजावट के लिए बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस कला के माध्यम से देवी-देवताओं की तस्वीरें बनाई जाती हैं, जो पूजा-अर्चना के लिए उपयोग होती हैं। इसके अलावा भील कला में ग्रामीण जीवन के अलग-अलग पहलुओं को भी दर्शाया जाता है, जिससे यह कला ग्रामीण समाज की पहचान बन जाती है।

#3

ग्रामीण जीवन का प्रतिबिंब

भील कला ग्रामीण जीवन का एक जीवंत प्रतिबिंब है। इसमें खेती, पशुपालन, त्योहार आदि सभी पहलुओं को दर्शाया जाता है। इस कला से ग्रामीण समाज की रोजमर्रा की जिंदगी झलकती है। भील कला में ग्रामीण जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाने के लिए जीवंत चित्रण किया जाता है, जिससे यह कला ग्रामीण समाज की पहचान बन जाती है। इस प्रकार भील कला न केवल सजावट के लिए बल्कि ग्रामीण समाज की संस्कृति और जीवनशैली को भी प्रदर्शित करती है।

#4

आधुनिकता के साथ बदलाव

आधुनिकता ने भील कला पर अपना असर डाला है। आजकल इस कला को आधुनिक डिजाइनों में शामिल किया जा रहा है, जिससे इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। आधुनिक तकनीकों जैसे डिजिटल प्रिंटिंग आदि का उपयोग करके भील कलाकार अपनी कला को नए रूप दे रहे हैं। ऐसे भील कला न केवल अपनी पारंपरिक विशेषताओं को बनाए रखती है, बल्कि आधुनिकता के साथ कदम मिलाते हुए नई ऊंचाइयों तक पहुंच रही है।