आनंद बालासन: जानिए इस योगासन का अभ्यास, इसके फायदे और इससे जुड़ी अन्य जरूरी बातें
क्या है खबर?
आनंद बालासन एक सरल और खास योग मुद्रा है, जो शरीर को आराम देने और लचीला बनाने में मदद कर सकती है।
यह आसन पीठ के निचले हिस्से को राहत देने और कूल्हों की जकड़न को कम करने के लिए जाना जाता है।
इस आसन का अभ्यास किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं, चाहे वे योग में नए हों या अनुभवी।
आइए आज इस आसन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
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आनंद बालासन करने का तरीका
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं, फिर अपने घुटनों को मोड़ें और उन्हें छाती की ओर लाएं।
अब अपने हाथों से पैरों की बाहरी किनारियों को पकड़ें। ध्यान दें कि आपकी टखने सीधे घुटनों के ऊपर हों ताकि आपके पैर 90 डिग्री पर रहें।
धीरे-धीरे पैरों को नीचे की ओर खींचें ताकि कूल्हों में खिंचाव महसूस हो सके। इस स्थिति में थोड़ी गहरी सांस लें और कुछ समय तक बने रहें।
#2
आनंद बालासन करने के फायदे
आनंद बालासन कई शारीरिक लाभ प्रदान कर सकता है।
यह आसन पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी को आराम देता है।
इसके अलावा यह कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को खोलता है, जिससे उनमें लचीलापन आता है।
मानसिक रूप से यह तनाव को कम कर सकता है और मन को शांत करता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ सकती है।
#3
आनंद बालासन करते समय बरतें ये सावधानियां
इस आसन का अभ्यास करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि चोट लगने का खतरा न हो।
अगर आपके घुटनों या कूल्हों में कोई चोट लगी हो तो इस आसन से बचना चाहिए या किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को इसे करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
अगर आप पहली बार यह आसन कर रहे हैं तो धीरे-धीरे और आराम से करें ताकि शरीर को कोई नुकसान न पहुंचे।
#4
आनंद बालासन के साथ अन्य मुद्राएं आजमाएं
आनंद बालासन के साथ आप अन्य सरल मुद्राओं जैसे सुप्त बद्ध कोणासना या सुप्त पदांगुष्ठासना का अभ्यास कर सकते हैं।
ये मुद्राएं शरीर में संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं और मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करती हैं।
इनका नियमित अभ्यास शरीर को खोलने और लचीला बनाने में सहायक होता है। इससे शरीर की जकड़न कम होती है और लचीलापन बढ़ता है, जिससे आप अधिक आराम महसूस करते हैं।