रोजाना 10 मिनट करें ये एक एक्सरसाइज, फिटनेस के साथ स्वास्थ्य रहेगा ठीक
क्या है खबर?
स्क्वाट्स एक बेहतरीन एक्सरसाइज है, जो पैरों, जांघों और नितंबों की मांसपेशियों को मजबूती देने के साथ शरीर का संतुलन सुधारने में भी मदद कर सकता है।
इसे करने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे घर पर आसानी से किया जा सकता है। सही तकनीक का पालन करना जरूरी है ताकि चोट से बचा जा सके।
आइए जानते हैं कि स्क्वाट्स कैसे करें, इसके फायदे क्या हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
अभ्यास
स्क्वाट्स करने का सही तरीका
स्क्वाट्स करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलें।
अब अपने हाथों को सामने की ओर सीधा रखें और धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए नीचे बैठें जैसे कि आप एक कुर्सी पर बैठ रहे हों। ध्यान दें कि पीठ सीधी रहे और घुटने पैर की उंगलियों से आगे न जाएं।
जब आपकी जांघें जमीन के समानांतर हो जाएं तो कुछ सेकंड रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस खड़े हो जाएं।
फायदे
नियमित स्क्वाट्स करने से मिलने वाले फायदे
स्क्वाट्स शरीर की कई मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे ताकत बढ़ती है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
यह एक्सरसाइज आपके पैरों, जांघों और नितंबों की मांसपेशियों को मजबूत करती है।
इसके अलावा स्क्वाट्स करने से हड्डियां मजबूत होती हैं क्योंकि यह वजन उठाने वाली एक्सरसाइज का हिस्सा होती है, जो हड्डियों के घनत्व में सुधार करता है।
नियमित स्क्वाट्स करने से आपका संतुलन बेहतर होता है, जिससे रोजमर्रा के काम आसान हो जाते हैं।
सावधानियां
एक्सरसाइज करते समय बरतें ये सावधानियां
स्क्वाट्स करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि आप चोटिल न हों।
सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आप सही तकनीक का पालन कर रहे हैं क्योंकि गलत तरीके से किए गए स्क्वाट्स से पीठ या घुटनों में दर्द हो सकता है।
अगर आपको पहले से कोई चोट या दर्द हो तो डॉक्टर या फिटनेस विशेषज्ञ से सलाह लें।
शुरुआत में ज्यादा वजन उठाने की कोशिश न करें और धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाएं।
वेरिएशन
अन्य वेरिएशन आजमाएं
अगर आप अपने वर्कआउट में विविधता लाना चाहते हैं तो विभिन्न प्रकार के स्क्वाट वेरिएशन आजमा सकते हैं जैसे गॉब्लेट स्क्वाट, पिस्टल स्क्वाट या जम्पिंग स्क्वाट आदि।
ये वेरिएशन अलग-अलग मांसपेशियों पर काम करते हैं और आपके वर्कआउट रूटीन को रोचक बनाते हैं।
इसके अलावा आप इन्हें अन्य कार्डियो एक्सरसाइज जैसे दौड़ना या साइक्लिंग के साथ जोड़कर भी कर सकते हैं ताकि आपकी सहनशक्ति बढ़े और कैलोरी बर्न हो सके।