मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित किताबें, एक बार जरूर पढ़े
मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है, जिस पर हाल के वर्षों में बहुत चर्चा हुई है और यह चर्चा अब अधिक खुलकर और स्वीकार्य रूप में हो रही है। लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य को समझना और उसका ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी किताबों के बारे में बताते हैं, जो इस विषय पर गहराई से प्रकाश डालती हैं और लोगों के लिए बहुत उपयोगी हो सकती हैं।
मैंने मांडू नहीं देखा (स्वदेश दीपक)
स्वदेश दीपक द्वारा लिखी यह किताब एक आत्मकथा है जो उनके 7 सालों के संघर्ष को बताती है, जिसमें उन्होंने बाइपोलर डिसऑर्डर का सामना किया। यह किताब न केवल उनके अनुभवों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे उन्होंने इस बीमारी को पीछे छोड़कर अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाया। यह किताब जुगनौत प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुई है और इसे पढ़ने से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में गहरी समझ मिलती है।
सीपिया लीव्स (अमनदीप संधू)
अमनदीप संधू की यह अर्ध-आत्मकथा 'सीपिया लीव्स' एक ऐसी कहानी है, जो एक बच्चे के नजरिए से उसके माता-पिता की मानसिक स्थिति को दर्शाती है। इस किताब में अप्पू नामक एक बच्चे की यात्रा का वर्णन है, जिसे अपने पिता की भावनात्मक अनुपस्थिति और माता के स्किजोफ्रेनिया को स्वीकार करना पड़ता है। यह किताब रूपा पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित हुई है और यह बताती है कि कैसे एक बच्चे पर माता-पिता की मानसिक स्थिति का प्रभाव पड़ता है।
मैंने कभी इतना (अन)खुश नहीं रहा (शाहीन भट्ट)
शाहीन भट्ट की ये आत्मकथा उनके 17 वर्षों के संघर्ष को बयां करती हैं, जिसमें उन्होंने डिप्रेशन और एंग्जाइटी का सामना किया। ये किताब पेंगुइन बुक्स द्वारा प्रकाशित हुई हैं, जिसमें शाहीन ने अपने अनुभवों को बहुत ईमानदारी से साझा किया हैं। ये किताब उन लोगों के लिए बहुत सहायक हो सकती हैं, जो अवसाद से जूझ रहे हैं और उन्हें ये महसूस कराती हैं कि वे अकेले नहीं हैं।
अवसाद से निपटने की असली कहानियां (अमृता त्रिपाठी और अर्पिता आनंद)
अमृता त्रिपाठी और अर्पिता आनंद द्वारा लिखित यह किताब 10 व्यक्तिगत कहानियों का संग्रह है, जो अवसाद से जूझ रहे लोगों की जिंदगी को दर्शाती है। यह चार भागों में विभाजित है, जिसमें अवसाद के साथ जीना, थेरेपी को समझना, मातृत्व और अवसाद समेत देखभाल करने वालों के लिए स्व-देखभाल शामिल है। इस किताब से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में गहरी समझ मिलती है और परिवारों को एक-दूसरे का समर्थन करने की प्रेरणा मिलती है।