खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ कई फायदे दे सकता है पैपरिका पाउडर
कई लोग लाल मिर्च और पैपरिका पाउडर को एक समझते हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग चीजे हैं। लाल मिर्च का पाउडर किसी भी तरह की मिर्च से बनाया जा सकता है, जबकि पैपरिका पाउडर सिर्फ पैपरिका पौधे से बनता है। पैपरिका पाउडर के स्वाद की बात करें तो यह मीठा या स्मोक्ड होता है और इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट, आवश्यक खनिज और विटामिन्स होते हैं। आइए जानते हैं कि डाइट में पैपरिका पाउडर को शामिल करने से क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।
कैंसर से रखे सुरक्षित
पैपरिका पाउडर में बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर पैदा करने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ते हैं। 2,000 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, जिन महिलाओं ने पैपरिका का सेवन किया उनमें स्तन कैंसर से पीड़ित होने की संभावना 25 से 30 प्रतिशत कम थी। इस मसाले में कैप्साइसिन भी होता है, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
सूजन को कम करने में है कारगर
पैपरिका पाउडर में मौजूद कैप्साइसिन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण की तरह काम करके शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह विभिन्न ऑटोइम्यून बीमारियों और पाचन समस्याओं का इलाज करने में भी कारगर है। कैप्साइसिन से भरपूर कई मलहम ने भी तंत्रिका क्षति और गठिया को कम करने में काफी अच्छा काम किया है, जो इन बीमारियों के इलाज में पेपरिका की भूमिका को और अधिक उचित ठहराता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कर सकता है सुधार
कैप्सैन्थिन, जो पैपरिका पाउडर में मौजूद एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट है। यह खून में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर हृदय रोगों से दूर रख सकता है। इसके साथ ही यह खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, जो हृदय संबंधी समस्याओं के प्रमुख कारणों में से एक है। 100 वयस्कों पर किए गए 12 सप्ताह के अध्ययन में पाया गया कि जब उन्होंने 9 ग्राम पैपरिका पाउडर का सेवन किया तो खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हुआ।
आंखों के लिए है अच्छा
पैपरिका पाउडर में विटामिन-E, बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि यदि कोई इन पोषक तत्वों का प्रचुर मात्रा में सेवन करता है तो उम्र से संबंधित मैकुलर डीजेनरेशन (AMD) और मोतियाबिंद का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। इन एंटी-ऑक्सीडेंट का सेवन करने वाली 1,800 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि उनमें मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना 32 प्रतिशत कम थी।
शारीरिक दर्द से दिला सकता है राहत
पैपरिका में शक्तिशाली एनाल्जेसिक प्रभाव होता है, जो इसे एक बेहतरीन दर्द निवारक बनाता है क्योंकि यह प्रभावित क्षेत्र को शांत करता है। यह सबसे ज्यादा जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में प्रभावी माना जाता है। यही कारण है कि आप इसे कई दर्द निवारक तेलों, जैल, बाम और लोशन में एक सक्रिय घटक के रूप में पाएंगे।