बच्चे को लग गई है जिद करने की बुरी आदत? सुधारने के लिए अपनाएं ये तरीके
क्या है खबर?
बच्चे जब छोटे होते हैं तो माता-पिता उनकी हर ख्वाहिश पूरी करना चाहते हैं। वे उनकी सभी बातें मान लेते हैं और उन्हें उनकी पसंद की हर चीज दे देते हैं। इसके पीछे केवल एक ही वजह होती है, जो है बच्चों की खुशी। हालांकि, इसके चलते कई बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। जिद करने की आदत उनके स्वाभाव पर नकारात्मक असर डाल सकती है। ऐसे में बच्चों की देखभाल के ये टिप्स इस आदत को बदलने में मददगार होंगे।
#1
सख्त नियम बनाएं
अगर आप बच्चे की हर बात मानते जाएंगे तो उसकी जिद करने की आदत को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ सख्त नियम बना लें। उन्हें सिखाएं कि जिद करने पर उनकी बात नहीं मानी जाएगी और बुरा बर्ताव करने पर उन्हें सजा मिल सकती है। इससे वे अपनी मांग को प्यार से आपके सामने रखना सीखेंगे और जिद करना छोड़ देंगे। साथ ही इससे उन्हें समझ आ जाएगा कि आप बुरा बर्ताव सहन नहीं करेंगे।
#2
हर बात पर 'न' बोलना बंद करें
कुछ बच्चे न सुनने के बाद रोना शुरू कर देते हैं और जिद पर अड़ जाते हैं। ऐसे बच्चों को चुप कराने के लिए अंत में माता-पिता उनकी बात मान ही लेते हैं। हालांकि, इसके बजाय आपको खुद 'न' बोलना कम करना चाहिए। जो बातें मानने लायक हों, उनके लिए हां बोलने में कोई बुराई नहीं। जिन चीजों के लिए मना करना हो उनके लिए न बोलने की जगह कोई और तरीका चुनें। उदाहरण के लिए उनका ध्यान भटकना।
#3
उन्हें विकल्प दें
जिद्दी स्वभाव वाले बच्चे खुद के जीवन पर नियंत्रण रखना पसंद करते हैं। जब वह किसी चीज के लिए जिद करें तो खुद निर्णय लेने के बजाय उसे विकल्प दें। अगर आपका बच्चा किसी अस्वास्थ्यकर व्यंजन की जिद करे तो उसे किन्हीं 2 स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजनों के विकल्प दें। ऐसा करने से वह यह भूल जाएगा कि वह किस चीज के लिए जिद कर रहा था और आपके दिए गए विकल्पों में से चुनाव करेगा।
#4
अच्छा बर्ताव करना सिखाएं
जिद करना एक बुरी आदत है, जो बच्चे को बिगाड़ सकती है। इसे बदलने के लिए जरूरी है कि आप बच्चे को अच्छा बर्ताव करने के लिए प्रेरित करें। जब भी वह जिद करे तो उसे बताएं कि यह बुरा व्यव्हार है। साथ ही जिद न करने या बात मान लेने पर उनकी तारीफ भी करें। इससे वे हमेशा अच्छा बर्ताव करने की कोशिश करेंगे और धीरे-धीरे जिद करना छोड़ देंगे।