मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों की तुलना में ज्यादा दुखी रहती है GEN-Z, अध्ययन में खुलासा
क्या है खबर?
मध्यम आयु में आते-आते लोगों की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। किसी को काम की चिंता सताती है तो कोई शादी को लेकर तनाव में रहता है। ऐसे में लोगों की धारणा बन जाती है कि मध्यम आयु वर्ग के लोग ज्यादा परेशान और दुखी रहते होंगे। हालांकि, एक नए अध्ययन ने इस आम मिथक को गलत साबित कर दिया है। इसके मुताबिक, GEN-Z यानि युवा व्यस्क मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों से ज्यादा दुखी रहते हैं।
अध्ययन
GEN Z को होती है ज्यादा चिंता
यह एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन है, जिसे डार्टमाउथ कॉलेज, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और वित्तीय अध्ययन संस्थान ने मिलकर पूरा किया है। एलेक्स ब्रायसन नाम के शोधकर्ता इसके मुख्य लेखक हैं। इसके जरिए यह बात सामने आई है कि आज के युवा बहुत अधिक नाखुश रहने लगे हैं। पाया गया कि आज 12 से 28 साल की उम्र वाले लोग ज्यादा निराश रहने लगे हैं और रोजमर्रा की जिंदगी में अधिक चिंता महसूस करते हैं।
प्रक्रिया
44 देशों के डाटा की मदद से पूरा हुआ अध्ययन
इस अध्ययन को पूरा करने के लिए कुल 44 देशों के डाटा का विश्लेषण किया गया था, जिनमें अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (UK) भी शामिल थे। इससे पहले हुए सभी सर्वेक्षण बताते हैं कि मध्यम आयु वर्ग के लोगों की खुशी चिंता के कारण घटती जाती है और रिटायर होने के बाद वापस बढ़ती है। अब सामने आया है कि GEN-Z 'स्की-सलोप' का अनुभव करते हैं, यानि कि जवानी में ही उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
नतीजे
रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा?
अध्ययन में कहा गया है कि युवाओं की खुशी जवानी में घटती है और बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जाती है। CDC नामक रिपोर्ट के आंकड़े इस बात का समर्थन करते हैं। आंकड़े दर्शाते हैं कि युवा पुरुषों में खराब मानसिक स्वास्थ्य 1993 में 2.5 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 6.6 प्रतिशत हो गया। वहीं, इसी समय युवा महिलाओं में यह 3.2 प्रतिशत से बढ़कर 9.3 प्रतिशत तक पहुंचा गया।
कारण
क्या हैं GEN-Z के दुखी रहने के मुख्य कारण?
अध्ययन में GEN-Z के ज्यादा निराश, परेशान और दुखी रहने के कारण भी सामने आए। इसके जरिए कई ऐसे दबाव उजागर हुए, जिनका सामना युवाओं को करना पड़ता है। इसकी पहली और सबसे बड़ी वजह है सोशल मीडिया। GEN-Z पूरी तरह से इंटरनेट के जमाने में बड़ी होने वाली पहली पीढ़ी है। इसके अलावा महामारी के चलते उनके जीवन के प्रारंभिक वर्ष भी व्यर्थ हो गए, जिस कारण उन्हें करियर बनाने में भी परेशानी हो रही है।
मोबाइल
स्मार्टफोन भी है GEN-Z के उदास रहने की वजह
शोधकर्ता ने यह भी खुलासा किया कि युवा पीढ़ी के उदास रहने के पीछे उनके स्मार्टफोन का भी हाथ है। उन्हें काफी छोटी उम्र में ही मोबाइल थमा दिया जाता है और वे उसपर निर्भर हो जाते हैं। इसके साथ-साथ उनकी खुशी भी उसी से जुड़ जाती है। ब्रायसन ने कहा, "स्क्रीन के उपयोग और मानसिक अस्वस्थता के बीच न केवल संबंध के प्रमाण बढ़ रहे हैं, बल्कि कुछ कारणात्मक प्रभाव भी सामने आ रहे हैं।"