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बोतलबंद पानी पीने से एक साल में शरीर में जाते हैं 90,000 माइक्रोप्लास्टिक- अध्ययन

बोतलबंद पानी पीने से एक साल में शरीर में जाते हैं 90,000 माइक्रोप्लास्टिक- अध्ययन

लेखन सयाली
Dec 29, 2025
04:15 pm

क्या है खबर?

हम सभी प्यास लगने पर पास में रखी पानी की बोतल उठाते हैं और उसी से पानी पी लेते हैं। ऐसा करने से प्यास तो बुझ जाती है, लेकिन एक बड़ी परेशानी हो जाती है। बोतल के पानी के साथ-साथ हम प्लास्टिक के महीन कण भी निगल लेते हैं। अध्ययन से सामने आया है कि बोतल से पानी पीने से एक साल के अंदर शरीर में 90,000 माइक्रोप्लास्टिक प्रवेश कर जाते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

माइक्रोप्लास्टिक

खास वजह से किया गया था यह अध्ययन

माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के बेहद महीन कण होते हैं, जो आखों से नजर नहीं आते। यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ हैजार्डस मटीरियल' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। यह तो सब जानते हैं कि बोतल से पानी पीने से माइक्रोप्लास्टिक पेट में जाते ही हैं। हालांकि, यह अध्ययन एक खास सवाल का जवाब ढूंढने के लिए किया गया था। इसमें इस बात की तुलना की गई थी कि बोतलबंद पानी और नल का पानी पीने से शरीर में कितने माइक्रोप्लास्टिक जाते हैं।

अध्ययन

क्या कहता है अध्ययन?

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने स्वास्थ्य पर प्लास्टिक की बोतलों के असर पर आधारित 140 से ज्यादा वैज्ञानिक लेखों को पढ़ा। इससे पता लगा कि लोग औसतन हर साल 39,000 से 52,000 माइक्रोप्लास्टिक कण का सेवन कर लेते हैं। हालांकि, जो लोग नियमित रूप से प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीते हैं, उनके शरीर में नल का पानी पीने वालों की तुलना में हर साल 90 हजार ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक प्रवेश कर जाते हैं।

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प्रवेश

बोतलों में कैसे पहुंच जाते हैं माइक्रोप्लास्टिक कण?

बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक कण कई तरीकों से प्रवेश कर सकते हैं। जब हम बोतल के ढक्कन को बार-बार खोलते और बंद करते हैं तो टकराव पैदा होता है। इससे माइक्रोप्लास्टिक कण टूटकर पानी में गिर जाते हैं। इसके अलावा बोतल को दबाने और यहां तक ​​कि धूप में रखने से भी माइक्रोप्लास्टिक पानी में मिल जाते हैं। 'नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, एक लीटर बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के 2 लाख से ज्यादा कण होते हैं।

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नुकसान

माइक्रोप्लास्टिक ऐसे करते हैं स्वास्थ्य को प्रभावित

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक कण आंत में सूजन संबंधी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे पेट फूल सकता है। आंत में माइक्रोप्लास्टिक्स की उपस्थिति आंतों की परत में खरोंच या अन्य यांत्रिक क्षति का कारण बन सकती है। यह स्थिति हानिकारक पदार्थों को रक्तप्रवाह में प्रवेश करने की अनुमति देती है। इन कणों के कारण हमारे शरीर में हानिकारक रासायन भी प्रवेश कर सकते हैं, जो कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

उपाय

ऐसे कम कर सकते हैं माइक्रोप्लास्टिक का सेवन

आप माइक्रोप्लास्टिक को शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्लास्टिक की बोतल, खाद्य-कंटेनर या गिलास का इस्तेमाल सीमित करें। ताजा और बिना पैक की हुई सब्जियां और फल खरीदें। इससे पैकेजिंग से प्लास्टिक के कणों की इनमें प्रवेश करने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा पॉलिएस्टर और नायलॉन जैसे सिंथेटिक कपड़े पहनने से भी बचें। आपको कांच की बोतल में भी पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि उसमें भी माइक्रोप्लास्टिक होते हैं।

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