नवरात्रि और दुर्गा पूजा को समझते हैं एक ही त्योहार? जानें इनके बीच के अंतर
अधिकतर लोग नवरात्रि और दुर्गा पूजा को एक ही त्योहार समझते हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर है। जहां नवरात्रि 9 दिनों तक होता है, वहीं दुर्गा पूजा 5 दिनों तक चलता है। इस बार नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर को समाप्त है, जबकि दुर्गा पूजा 9 अक्टूबर से शुरू है और इसका समापन 13 अक्टूबर को है। आइए इन त्योहारों के बीच अन्य अंतर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नवरात्रि और दुर्गा पूजा की ऐसी होती है शुरूआत
नवरात्रि की शुरूआत मां दुर्गा के प्रथम अवतार शैलपुत्री की पूजा से शुरू होता है। दूसरी ओर दुर्गा पूजा की शुरूआत महालया से होती है। यह वह दिन है, जब देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध शुरू हुआ था। देवी दुर्गा ने लगभग 9 दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया था। बता दें कि नवरात्रि उत्तर और पश्चिमी भारत में मनाई जाती है, जबकि दुर्गा पूजा का त्योहार पश्चिम बंगाल समेत भारत के पूर्वी राज्यों में मनाया जाता है।
नवरात्रि और दुर्गा पूजा पर किन-किन देवियों की होती है पूजा?
नवरात्रि पर मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होती है। पहले दिन शैलपुत्री को पूजा जाता है। इसके बाद ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अलग-अलग दिनों में की जाती है। दूसरी ओर दुर्गा पूजा में मां दुर्गा के एक मातृ स्वरूप की पूजा होती है, जो देवी की शक्ति और बहादुरी का प्रतिनिधित्व करती हैं।
दोनों त्योहारों के खान-पान में भी अंतर
मां दुर्गा को समर्पित इन त्योहारों के खान-पान काफी बड़ा अंतर है। जहां नवरात्रि में भक्त उपवास रखते हैं और 9 दिनों तक अंडे, मांस, प्याज और लहसुन से बिल्कुल परहेज होता है, वहीं दुर्गा पूजा के दौरान लोग बंगाली मांसाहारी व्यंजनों का आनंद लेते हैं। हालांकि, अगर आप मांसाहारी व्यंजनों से परहेज करते हैं तो दुर्गा पूजा के दौरान इन शाकाहारी बंगाली व्यंजनों को ट्राई कर सकते हैं।
ऐसे होता है दोनों त्योहारों का समापन
सितंबर या अक्टूबर में आने वाली नवरात्रि का समापन दशहरे के साथ होता है और त्योहार को 9 दिनों के बाद दशमी पर रावण का पुतला जलाया जाता है। दूसरी ओर दुर्गा पूजा का समापन 'सिंदूर खेला' के साथ किया जाता है, जिसमें विवाहित महिलाएं देवी दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित करने से पहले एक-दूसरे पर सिंदूर लगाती हैं। इसके अतिरिक्त मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान भक्त एकत्रित होते हैं और बंगाली डांस भी करते हैं।