मिओइंग तकनीक से कम हो सकती है चेहरे की चर्बी, जानिए इसे करने का तरीका
वजन बढ़ने के साथ-साथ हमारे चेहरे पर भी मोटापा बढ़ जाता है। इसे घटाने के लिए चेहरे की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। कुछ लोगों का कहना है कि मिओइंग तकनीक की मदद से चेहरे का मोटापा कम किया जा सकता है। इसके साथ यह जबड़े के दर्द आदि में भी मदद करती है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ ऑर्थोडॉन्टिस्ट्स (AAO) का दावा है कि जीभ की मदद से एक्सरसाइज कुछ हद तक आपको फायदा दे सकती है।
मिओइंग तकनीक क्या है?
मिओइंग एक फेशियल तकनकी है, जिसमें जीभ को मुंह की ऊपरी सतह से सटाकर रखा जाता है। इस तकनीक के समर्थकों का दावा है कि यदि आप मिओइंग करते हैं तो आप अपने चेहरे का मोटापा कम कर सकते हैं और तीखी जौ लाइन पा सकते हैं। इस तकनीक से जबड़े के दर्द, ऑर्थोडॉन्टिक समस्याओं के साथ-साथ सांस संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिल सकती है।
मिओइंग तकनीक की उत्पत्ति
लंदन स्कूल ऑफ फेशियल ऑर्थोट्रोपिक्स के प्रोफेसर डॉ जॉन मियू ने 1970 के दशक में मिओइंग तकनीक को ईजाद किया था। उनका बेटा माइक मियू मौखिक मुद्राओं और व्यायामों का उपयोग करके अपने रोगियों को उनके चेहरे और जबड़े का आकार बदलने में मदद करता है। इस तकनीक से जबड़े का स्वास्थ्य भी दुरुस्त हो सकता है। हालांकि, आगे चलकर माइक कानूनी पचड़ों में पड़ गए और उनका लाइसेंस रद्द हो गया।
मिओइंग तकनीक करने का तरीका
लंदन स्कूल ऑफ फेशियल ऑर्थोट्रोपिक्स के अनुसार, मिओइंग करने का सही तरीका है- 1. सबसे पहले अपना मुंह बंद कर लें, ताकि आपके दांत एक-दूसरे को छू रहे हों और आपके होंठ चिपके हों। 2. अपनी जीभ को पूरी तरह से आराम दें। 3. अपनी जीभ को अपने मुंह की ऊपरी सतह पर छुआएं। 4. इस एक्सरसाइज को लंबे समय तक करें। 5. असरदार और जल्द प्रभाव के लिए इस तकनीक को रोजाना दोहराएं।
मिओइंग तकनीक में क्या गलत हो सकता है?
अगर आपको दांतों से संबंधित कोई समस्या है तो आप डॉक्टर से मिलें और अपना इलाज करवाएं। गलत तरीके से मिओइंग तकनीक करने से आपको दोबारा वही समस्याएं हो सकती हैं, जिनका इलाज करने के लिए आप ये तकनीक आजमा रहे हों। गलत तरह से मिओइंग करने से ये समस्याएं हो सकती हैं- 1. दांतों में परेशानी 2. जबड़े में दर्द 3. ढीले दांत 4. बोलने में दिक्कत 5. निगलने में समस्या। इसलिए इसे करते समय सावधानी बरतें।