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भ्रूण में मस्तिष्क निर्माण के दौरान विकसित हो सकती हैं अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियां- अध्ययन

भ्रूण में मस्तिष्क निर्माण के दौरान विकसित हो सकती हैं अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियां- अध्ययन

लेखन सयाली
Jul 26, 2025
01:21 pm

क्या है खबर?

तंत्रिका संबंधी विकार कई कारणों से उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें जेनेटिक्स, संक्रमण, आघात और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। इनमें अल्जाइमर, ऑटिज्म, बाइपोलर विकार, पार्किंसंस या अवसाद जैसी बीमारियां शामिल होती हैं। एक नए अध्ययन से सामने आया है कि ये बीमारियां भ्रूण में मस्तिष्क निर्माण के बहुत प्रारंभिक चरणों में पाई जा सकती हैं। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे।

अध्ययन

कहां किया गया था यह अध्ययन?

इस अध्ययन को हॉस्पिटल डेल मार रिसर्च इंस्टीट्यूट और येल विश्वविद्यालय द्वारा मिलकर किया गया है। इसके नतीजों को नेचर कम्युनिकेशन नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है। मिगुएल सर्वेट शोधकर्ता और हॉस्पिटल डेल मार रिसर्च इंस्टीट्यूट के बायोमेडिकल इंफॉर्मेटिक्स रिसर्च प्रोग्राम में न्यूरोजेनोमिक्स रिसर्च ग्रुप के समन्वयक डॉ गेब्रियल सैंटपेरे ने इसका नेतृत्व किया है। इस अध्ययन का उद्देश्य भ्रूण के विकास के प्रारंभिक चरणों में मानसिक बीमारियों की उत्पत्ति की जांच करना था।

प्रक्रिया

जानिए कैसे किया गया था यह अध्ययन

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने न्यूरोसाइकिएट्रिक रोगों, न्यूरोडीजेनेरेटिव पैथोलॉजी और कॉर्टिकल विकृतियों से जुड़े लगभग 3,000 जींस की एक सूची का उपयोग किया था। साथ ही मस्तिष्क के विकास में शामिल कोशिकाओं पर इनके परिवर्तन के प्रभाव की भी जांच की गई थी। यह अध्ययन आसानी से पूरा नहीं हो सकता था। यही कारण था कि इस मुश्किल शोध के लिए शोधकर्ताओं ने मानव और चूहे के दिमाग के साथ-साथ विट्रो सेलुलर मॉडल से भी डाटा इखट्टा किया।

जांच

इस तरह की गई थी जांच

अध्ययन के दौरान मस्तिष्क के विकास में शामिल सभी कोशिका प्रकार के लिए विनियामक नेटवर्क तैयार किया गया। इसके जरिए यह देखा जा सकता था कि विभिन्न मस्तिष्क रोगों से जुड़े विश्लेषण किए गए जीनों के सक्रियण या निष्क्रियण ने विभिन्न चरणों में पूर्वज कोशिकाओं को किस प्रकार प्रभावित किया। इससे शोधकर्ताओं को विभिन्न रोगों का कारण बनने वाले परिवर्तनों में प्रत्येक जीन के महत्व को पहचानने में मदद मिली। सूची में माइक्रोसेफली और हाइड्रोसेफली समेत कई रोग शामिल थे।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

अध्ययन के परिणाम दर्शाते हैं कि कई जीन भ्रूण के विकास के प्रारंभिक चरणों के दौरान स्टेम कोशिकाओं में पहले से ही मौजूद होते हैं। ये मस्तिष्क का निर्माण करने वाले न्यूरॉन्स और उनकी सहायक संरचनाओं का निर्माण करने वाले पूर्वज होते हैं। सामने आया कि ये जींस मस्तिष्क के विकास के दौरान दिमाग से जुड़ी बीमारियां पैदा करने का कारण बन सकते हैं। अवसाद समेत अन्य दिमागी रोग मां के पेट से ही बच्चे में मौजूद होते हैं।

बयान

डॉक्टर ने कही यह बात

हॉस्पिटल डेल मार रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता जोएल माटो-ब्लैंको कहते हैं, "हम मस्तिष्क में होने वाली बीमारियों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं और देखते हैं कि इन स्थितियों में शामिल जीन तंत्रिका स्टेम कोशिकाओं में किस प्रकार व्यवहार करते हैं।" यह जानकारी मस्तिष्क प्रांतस्था को प्रभावित करने वाली बीमारियों की उत्पत्ति को समझने के लिए उपयोगी होगी। इस अध्ययन की मदद से इन रोगों का इलाज करना भी आसान हो जाएगा।