विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस: दिमाग के लिए खतरा बन सकती है स्मार्टफोन की लत
क्या है खबर?
हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
यह दुनियाभर में चौथी सबसे गंभीर बीमारी है और इसके कारणों में लगातार स्मार्टफोन का इस्तेमाल शामिल है।
कई अध्ययनों के मुताबिक, स्मार्टफोन की ब्लू लाइट और रेडिएशन से दिमाग के सेल्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण इसके न्यूरॉन्स असंतुलित होते हैं और इससे ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।
कारण
धीरे-धीरे दिमाग को प्रभावित करती है स्मार्टफोन की लत
विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में ट्यूमर उत्पत्ति का सटीक कारण अज्ञात रहता है। हालांकि, अब कई अध्ययनों में यह सामने आ चुका है कि स्मार्टफोन रेडिएशन DNA को नुकसान पहुंचाकर ब्रेन ट्यूमर पैदा कर सकता है।
अध्ययनों में स्मार्टफोन की लत का ब्रेन ट्यूमर से कोई सीधा संबंध सामने नहीं आया है, लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य, नींद और मस्तिष्क की सामान्य गतिविधियों को प्रभावित करता है, जिससे ब्रेन ट्यूमर का विकास हो सकता है।
अध्ययन
ब्रेन ट्यूमर को लेकर हुए कई अध्ययन
साल 2022 में एशियन जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जयपुर के SMS मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने ब्रेन ट्यूमर के 27 प्रतिशत रोगियों में मनोरोग के लक्षण की पुष्टि की।
फिर साल 2023 में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि जब कैंसरयुक्त ट्यूमर बढ़ने लगता है तो इससे दिमाग पर दबाव बढ़ता है, जिससे यह जानलेवा होने लगता है।
लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्रियों (IARC) के अनुसार, भारत में हर साल ब्रेन ट्यूमर के 28,000 से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं, जिनमें से 24,000 से अधिक लोग हर साल मर जाते हैं।
इसका कारण है कि लोग बीमारी के लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
इसके मुख्य लक्षणों में सिरदर्द, नींद के चक्र का बिगड़ना, याददाश्त में गड़बड़ी, धूमिल दिमाग, चिड़चिड़ापन, हाथ में दर्द, गर्दन में दर्द, दृष्टि में कमी आदि शामिल हैं।
टेस्ट
ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए कौन-से टेस्ट करवाएं?
अगर आपको ब्रेन ट्यूमर के लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि जांच के बाद सब स्पष्ट हो जाए।
इसके लिए डॉक्टर आपको MRI, कंप्यूटेड टोमोग्राफी और पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, बायोप्सी, ब्लड टेस्ट और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट भी दिमाग की स्थिति को बताने या ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
तरीके
ब्रेन ट्यूमर से सुरक्षित रहने के उपाय
आप अगर इस बीमारी को लेकर गंभीर हैं तो आप मोबाइल के इस्तेमाल को सीमित करें और इसे अपने से थोड़ी दूरी पर ही रखें। इस तरह मस्तिष्क को फोन के रेडिएशन से दूर रखा जा सकता है।
इसके अलावा, अपनी डाइट में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को शामिल करें और शारीरिक सक्रियता के लिए रोजाना कुछ मिनट एक्सरसाइज और मेडिटेशन आदि का अभ्यास करें।
नियमित रूप से समय से जागने और सोने का नियम बना लें।