भारतीय जंगलों में देखे जा सकते हैं ये 5 काले रंग के जानवर
क्या है खबर?
काले रंग के जानवर भारतीय जंगलों में देखने को मिलते हैं, जो अपनी सुंदरता और दुर्लभता के लिए जाने जाते हैं। ये जानवर न केवल देखने में आकर्षक होते हैं, बल्कि इनकी आदतें और व्यवहार भी बहुत रोचक हैं। इस लेख में हम आपको पांच ऐसे काले रंग के जानवरों के बारे में बताएंगे, जो भारतीय जंगलों में देखने को मिलते हैं और इनकी जानकारी आपको इनकी दुनिया के बारे में और जानने की प्रेरणा देगी।
#1
काला बाघ
काले बाघ भारतीय जंगलों में बहुत ही दुर्लभ होते हैं। इनका काला रंग जीन परिवर्तन के कारण होता है, जो इन्हें अन्य बाघों से अलग बनाता है। इनका आकार सामान्य बाघों की तरह ही होता है, लेकिन इनका रंग पूरी तरह से काला होता है। यह जानवर ज्यादातर पश्चिम बंगाल और असम के जंगलों में पाए जाते हैं। इनकी संख्या बहुत कम होने के कारण इन्हें बचाने की जरूरत है।
#2
काला तेंदुआ
काले तेंदुए भी भारतीय जंगलों में देखने को मिलते हैं, जिनका रंग भी जीन परिवर्तन के कारण काला होता है। ये जानवर बहुत ही तेज और चालाक होते हैं, जो रात में शिकार करते हैं। इनका आकार भी सामान्य तेंदुओं की तरह होता है, लेकिन इनका रंग पूरी तरह से काला होता है। यह जानवर ज्यादातर कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के जंगलों में पाए जाते हैं। इनकी संख्या भी कम होने के कारण इन्हें बचाने की जरूरत है।
#3
पूर्वी हूलॉक गिब्बन
पूर्वी हूलॉक गिब्बन एक प्रकार का बंदर है, जिसका पूरा शरीर काला होता है। ये जानवर ज्यादातर असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के जंगलों में पाए जाते हैं। इनका जीवन ज्यादातर पेड़ों पर ही गुजरता है क्योंकि ये पेड़ों पर झूलकर ही अपना खाना खाते हैं। इनकी आवाज भी बहुत ही अनोखी होती है, जो जंगलों में गूंजती रहती है। इनकी संख्या भी कम होने के कारण इन्हें बचाने की जरूरत है।
#4
नीलगिरी मार्टेन
नीलगिरी मार्टेन एक प्रकार का मांस खाने वाला जानवर है, जिसका पूरा शरीर काला होता है। ये जानवर ज्यादातर नीलगिरी पहाड़ियों के जंगलों में पाए जाते हैं। इनका जीवन ज्यादातर पेड़ों पर ही गुजरता है क्योंकि ये पेड़ों पर झूलकर ही अपना खाना खाते हैं। इनकी संख्या भी कम होने के कारण इन्हें बचाने की जरूरत है। इनकी आदतें और व्यवहार भी बहुत रोचक हैं, जो इन्हें अन्य जानवरों से अलग बनाते हैं।
#5
हिमालयी काला भालू
हिमालयी काला भालू भी भारतीय जंगलों में देखने को मिलता है, जिसका पूरा शरीर काला होता है। इनका आकार सामान्य भालुओं की तरह ही होता है, लेकिन इनका रंग पूरी तरह से काला होता है। यह जानवर ज्यादातर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में पाए जाते हैं। इनकी संख्या भी कम होने के कारण इन्हें बचाने की जरूरत है। इन सभी दुर्लभ प्रजातियों के बारे में जानकर आप इनके प्रति अधिक जागरूक होंगे।