आप अपने मां-बाप के पसंदीदा हैं? अध्ययन से जानिए बच्चे कैसे बनते हैं माता-पिता के पसंदीदा
क्या है खबर?
सभी भाई-बहनों में इस बात को लेकर लड़ाई होती है कि उनमें से कौन मां-बाप का पसंदीदा बच्चा है।
इस पर सभी मां-बाप यही जवाब देते हैं कि वे बच्चों में से चुनाव नहीं कर सकते हैं और वे सभी को बराबर प्यार करते हैं।
हालांकि, क्या हो अगर हम आपसे कहें कि आपमें से एक सच-मुच उनका पसंदीदा है? हाल ही में हुए अध्ययन से सामने आया है कि कुछ बच्चे असल में माता-पिता को ज्यादा प्यारे होते हैं।
अध्ययन
कहां किया गया था यह अध्ययन?
मनोवैज्ञानिक बुलेटिन में प्रकाशित इस अध्ययन ने दावा किया है कि माता-पिता वास्तव में बेटियों और उन बच्चों के प्रति उदार होते हैं, जो जिम्मेदार और सहज होते हैं।
हालांकि, इस अध्ययन में केवल अमेरिका और यूरोप के परिवार शामिल थे। इसीलिए, इसके नतीजों को भारत या अन्य देशों के लिए भी उपयुक्त मानना सही नहीं होगा।
शोध के जरिए बताया गया है कि बच्चे कैसे अपने माता-पिता के चहीते बनते हैं और कैसे उनके बीच पक्षपात शुरू होता है।
लिंग
क्या लिंग पर निर्भर करता है पक्षपात?
इस अध्ययन के जरिए सामने आया है कि अमेरिका और यूरोप के ज्यादातर माता-पिता बेटियों को ज्यादा लाड देते हैं। उन्हें बेटों की तुलना में ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है और उनकी बातों को ज्यादा माना जाता है।
हालांकि, अध्ययन में शामिल परिवार के बच्चों से जब यह बात पूछी गई तो उन्होंने पक्षपात की बात को गलत बताया। उनके मुताबिक, उन्हें अपनी असल जिंदगी जीवन में ऐसा कुछ महसूस नहीं होता है।
बर्ताव
क्या बच्चों का बर्ताव भी हो सकता है पक्षपात की वजह?
इस शोध से पता चला है कि जो बच्चे अपनी पढ़ाई या करियर को लेकर जागरुक होते हैं या माता-पिता की सारी बातें मानते हैं, वे उनके चहेते बन जाते हैं।
ऐसे बच्चे संगठित, जिम्मेदार, आत्म-अनुशासित, दयालु और आरामपसंद होते हैं। वे अपने बर्ताव के जरिए मां-बाप को परेशान नहीं करते हैं और उनके लिए मुसीबतें खड़ी नहीं करते हैं।
इसीलिए, ऐसे बच्चों का पालन-पोषण करना आसान होता है और वे मां-बाप के पसंदीदा बन जाते हैं।
जन्म
क्या पहले पैदा होना भी है पसंदीदा बनने का मानदंड?
इस अध्ययन में पक्षपात और पसंदीदा बच्चे को लेकर एक अन्य नजरिया भी सामने आया है।
शोधकर्ताओं ने नतीजों की जांच करने के बाद बताया कि बड़े बच्चे भले ही माता-पिता के पसंदीदा न हों, लेकिन उन्हें ज्यादा स्वतंत्रता मिलती है।
ऐसा उनकी उम्र और पहले पैदा होने के कारण होता है। बड़े बच्चों को माता-पिता छोटे बच्चों की तुलना में ज्यादा जिम्मेदार और समझदार मानते हैं।
यही कारण है कि उन्हें निर्णय लेने की आजादी दी जाती है।