
आर्कटिक लोमड़ी से कटलफिश तक, जानिए 5 जानवरों के बारे में जो बदलते हैं रंग
क्या है खबर?
आर्कटिक लोमड़ी से लेकर कटलफिश तक, कई ऐसे जानवर हैं, जो अपने रंग को बदलकर पर्यावरण के साथ खुद को ढाल लेते हैं।
ये जानवर अपने आसपास के माहौल के साथ संवाद करने, शिकार करने और शिकारी से बचने के लिए रंग बदलते हैं। इन जानवरों का रंग बदलना एक अनोखी प्रक्रिया है, जो उन्हें उनके प्राकृतिक वातावरण में जीवित रहने में मदद करती है।
आइए इन पांच जानवरों के बारे में जानते हैं।
#1
आर्कटिक लोमड़ी
आर्कटिक लोमड़ी एक ऐसा जानवर है, जो अपने फर के रंग को मौसम के अनुसार बदलता है।
गर्मियों में इसका फर भूरे रंग का होता है, जो इसे गर्म वातावरण में छिपने में मदद करता है।
सर्दियों में इसका फर सफेद और मोटा हो जाता है, जिससे यह बर्फीले माहौल में आसानी से छिप सकता है।
इस प्रक्रिया को 'मौसमी रंग परिवर्तन' कहा जाता है और यह आर्कटिक लोमड़ी के जीवित रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
#2
कटलफिश
कटलफिश एक समुद्री जीव है, जो अपने शरीर के रंग को बहुत तेजी से बदल सकता है। यह न केवल अपने आसपास के माहौल के साथ मेल खाता है, बल्कि अपने शरीर पर विभिन्न पैटर्न और रंग भी उत्पन्न कर सकता है।
यह रंग परिवर्तन शिकारियों से बचने और साथी कटलफिश के साथ संवाद करने में मदद करता है।
कटलफिश अपने शरीर पर रंग बदलने के लिए विशेष कोशिकाओं का उपयोग करती है, जिन्हें क्रोमोफोर्स कहा जाता है।
#3
गिरगिट
गिरगिट एक प्रकार का छिपकली है, जो अपने शरीर के रंग को बदल सकती है। यह रंग परिवर्तन मुख्य रूप से सामाजिक संकेतों, तापमान और नमी स्तरों पर निर्भर करता है।
गिरगिट अपने आसपास के माहौल के साथ संवाद करने, शिकार करने और शिकारी से बचने के लिए विभिन्न रंगों और पैटर्नों का उपयोग करते हैं।
इसके अलावा वे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और साथी गिरगिट के साथ बातचीत करने के लिए भी रंग बदलते हैं।
#4
फ्लाउंडर
फ्लाउंडर एक प्रकार की मछली होती है, जो अपने शरीर का रंग बदलकर शिकारी से बच सकती है।
फ्लाउंडर अपने शरीर पर मौजूद रंगद्रव्य को नियंत्रित करके किसी भी समय अपना रंग बदल सकती हैं। ये मछलियां अपने शरीर का रंग बदलने के लिए अपनी त्वचा की कोशिकाओं का उपयोग करती हैं।
इसके अलावा ये मछलियां अपने मूड और तापमान के अनुसार भी रंग बदलती हैं।
#5
मिमिक ऑक्टोपस
मिमिक ऑक्टोपस समुद्री जीव होते हैं, जो अपने शरीर का रंग बदलकर शिकारियों से बच सकते हैं।
मिमिक ऑक्टोपस अपनी त्वचा पर मौजूद खास कोशिकाओं की मदद से अलग-अलग रंग और पैटर्न बना सकते हैं। ये जीव अपने मूड, स्वास्थ्य और माहौल के अनुसार रंग बदलते हैं।
इसके अलावा मिमिक ऑक्टोपस अपने शरीर के आकार और बनावट को भी बदल सकते हैं, जिससे वे अपने माहौल के साथ मेल खाते हैं और शिकारी से बच सकते हैं।