इतिहास से लेकर सीखने के टिप्स तक, जानिए सूफी संगीत के बारे में सब कुछ
क्या है खबर?
भारतीय संगीत विविध है, जिसमें सूफी संगीत का अहम स्थान है। यह एक भक्तिमय शैली है, जो सूफी यानि मुस्लिम लोगों द्वारा शुरू की गई थी। आज यह शैली केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसमें कविताओं वाले गीतों के जरिए ईश्वर को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। इसमें कवाली और गजल शामिल होती हैं, जो कानों में जैसे मिश्री घोल देती है। आइए सूफी संगीत के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सूफी संगीत
क्या होता है सूफी संगीत?
सूफी संगीत को आध्यात्मिक यात्रा यानि समा का एक जरिया माना जाता है। इसे सुनने के बाद व्यक्ति सुकून महसूस करने लगता है और ईश्वर से जुड़ाव महसूस करने लगता है। सूफी गीत रूमी, हाफिज और अमीर खुसरो जैसे सूफी कवियों की कविताओं पर आधारित होते हैं। इनमें लयबद्ध तालियों और भारतीय संगीत वाद्य यंत्रों के साथ लय में सुर छेड़े जाते हैं और उर्दू की काव्यात्मक पंक्तियां गाई जाती हैं।
इतिहास
जानिए सूफी संगीत का इतिहास
सूफी संगीत का इतिहास 8वीं-9वीं शताब्दी के इस्लामी रहस्यवाद से जुड़ा है। यह मध्य पूर्व, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया में विकसित हुआ था। 13वीं शताब्दी में निजामुद्दीन औलिया ने इस शैली को दिल्ली में लोकप्रिय किया। उन्होंने अपने शिष्य अमीर खुसरो के साथ मिलकर कवाली की शुरुआत की, जिसमें फारसी, अरबी और भारतीय संगीत परंपराओं का मिश्रण देखने को मिलता है। इसके बाद यह शैली कई अन्य देशों में भी प्रसिद्ध होने लगी थी।
प्रकार
सूफी संगीत के मुख्य प्रकार
जैसा कि हमने पहले बताया, सूफी संगीत का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है कवाली। ये अल्लाह, पैगंबर या संतों की प्रशंसा में गाए जाने वाले आध्यात्मिक गीत होते हैं। इसके बाद स्थान आता है गजलों का, जिनमें कविताओं को पिरोकर गीत बनाए जाते हैं। ये गीत प्रेम, विरह, दर्द और आध्यात्मिक भावनाओं को व्यक्त करते हैं। काफी हारमोनियम और टेबल के साथ पेश किया जाने वाला सूफी संगीत है, जो बुल्ले शाह जैसे संतों की कविताओं पर आधारित होता है।
सीखना
सूफी संगीत सीखने के टिप्स
सूफी संगीत सीखने के लिए आपको अपनी रूह से गाना सीखना होगा। इसमें शब्दों को इतनी मिठास से गाना शामिल होता है कि आप सीधे ईश्वर का दिल छू सकें। इसके लिए एक अच्छा मुर्शिद यानि शिक्षक ढूंढें और उनसे शिक्षा प्राप्त करें। इसके दौरान अलग-अलग उस्तादों और कवालों को सुनते रहें और उनकी गायकी की बारीकियों को भी समझें। सीखने के साथ-साथ रोजाना रियाज करना सबसे जरूरी है, ताकि आपकी प्रतिभा निखर सके।
सूफी गायक
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध सूफी गायक
सूफी संगीत का नाम सुनते ही मन में पहला नाम नुसरत फतेह अली खान का ही आता है। वह एक पाकिस्तानी कवाल थे, जिन्हें दुनिया भर में 'कव्वाली का शहंशाह' कहा जाता है। उन्होंने अपनी आवाज और प्रतिभा से सूफी संगीत को विश्व भर में पहचान दिलाई थी। उनके बाद उनके भतीजे और शिष्य राहत फतेह अली खान उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। कैलाश खेर, सतिंदर सरताज, जावेद अली और हर्षदीप कौर भी कमाल के सूफी गायक हैं।