वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रहा है ब्रेन हैमरेज का खतरा, अमेरिकी अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
आज के समय में वायु प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन चुका है। यह न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि कई स्वास्थ्य जोखिमों का भी कारण है। इसी बीच अमेरिका में एक नया अध्ययन किया गया है, जो वायु प्रदूषण के एक हानिकारक प्रभाव को उजागर करता है। इसके जरिए सामने आया है कि वायु प्रदूषण मस्तिष्क रक्तस्राव यानि ब्रेन हैमरेज का कारण बन रहा है। आइए इसके विषय में विस्तार से जानते हैं।
ब्रेन हैमरेज
पहले जानिए क्या होता है ब्रेन हैमरेज?
ब्रेन हैमरेज एक प्रकार का स्ट्रोक है, जिसमें मस्तिष्क के अंदर या उसके आसपास खून बहने लगता है। यह रक्तस्राव खोपड़ी और मस्तिष्क की सुरक्षात्मक परतों के बीच या उसके ऊतकों के अंदर हो सकता है। इस गंभीर स्थिति में रक्त का जमाव मस्तिष्क पर दबाव डाल सकता है, जिससे उसका कार्य बाधित हो सकता है और संभावित रूप से मस्तिष्क क्षति या मृत्यु भी हो सकती है। आइए समझते हैं इस स्थिति को वायु प्रदूषण कैसे प्रभावित करता है।
अध्ययन
ब्रेन हैमरेज के मरीजों की जांच के बाद पूरा हुआ अध्ययन
यह अध्ययन यूटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है, जिसे 'npj क्लीन एयर' पत्रिका में प्रकाशित किया गया। यह स्थान अपनी खराब वायु गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इसके जरिए ब्रेन हैमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों में प्रदूषण के स्तर का पता लगाया गया, जिसमें एक संभावित संबंध पाया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन रोगियों में वायु प्रदूषण के स्तर के चरम पर पहुंचने के 3-6 महीने बाद धमनीविस्फार के फटने की दर अधिक देखी गई।
प्रक्रिया
70 मरीजों के डाटा की ली गई थी मदद
ब्रेन हैमरेज का कारण बनने वाले वायु प्रदूषकों में ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण शामिल हैं। यूटा के उत्तर में पहाड़ों और यूटा झील से घिरा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषक मौजूद होते हैं। इसलिए, शोधकर्ता रोबर्ट रेनर्ट और उनकी टीम ने एन्यूरिज्मल सबराचनोइड रक्तस्राव से पीड़ित उन क्षेत्रों के 70 रोगियों के पिछले 5 सालों के डाटा को इखट्टा किया।
नतीजे
क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?
मौसम, तापमान और बैरोमीटर के दबाव में परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए ब्रेन हैमरेज में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। शोधकर्ताओं को संदेह है कि इनके लंबे समय तक संपर्क में रहने से अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो ब्रेन हैमरेज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। वायु प्रदूषण शरीर को सूजन पैदा करने वाले साइटोकाइन कैस्केड के प्रति संवेदनशील बनाता है, कोशिकीय क्षति का कारण बनता है और DNA की मरम्मत की प्रक्रिया को बाधित करता है।