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सकारात्मक पेरेंटिंग के लिए अपनाएं ये 5 तरीके, बच्चों के विकास में आएगी तेजी
सकारात्मक पेरेंटिंग के तरीके

सकारात्मक पेरेंटिंग के लिए अपनाएं ये 5 तरीके, बच्चों के विकास में आएगी तेजी

लेखन अंजली
Aug 19, 2025
07:35 pm

क्या है खबर?

शिशु का विकास एक अहम काम है, जिसमें माता-पिता की भूमिका बहुत जरूरी होती है। सकारात्मक पेरेंटिंग से न केवल बच्चे खुश रहते हैं, बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी बेहतर होता है। इस लेख में हम कुछ प्रभावी तरीके बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को खुश और स्वस्थ रख सकते हैं। इन तरीकों से आप अपने बच्चे की आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और उसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर सकते हैं।

#1

समय दें और सुनें

अपने बच्चे को समय दें और उसकी बात ध्यान से सुनें। जब आप अपने बच्चे को समय देंगे तो वह खुद को अहमियत महसूस करेगा। उसकी समस्याओं और खुशियों को समझने की कोशिश करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह अपने विचारों को खुलकर व्यक्त कर सकेगा। इससे बच्चे में आत्मविश्वास और बातचीत का कौशल विकसित होते हैं, जो उसके भविष्य के लिए बहुत जरूरी हैं। ऐसे आप अपने बच्चे के साथ एक मजबूत संबंध बना सकते हैं।

#2

प्यार और समर्थन दें

अपने बच्चे को हमेशा प्यार और समर्थन दें। जब आपका बच्चा जानता है कि उसके माता-पिता हमेशा उसके साथ हैं तो वह खुद को सुरक्षित महसूस करता है। यह सुरक्षा भावना उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा उसे प्रोत्साहित करें और उसकी छोटी-छोटी सफलताओं पर तारीफ करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और वह नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहता है। प्यार और समर्थन से बच्चे में सकारात्मक सोच विकसित होती है।

#3

नियम बनाएं लेकिन सख्ती न बरतें

एक अच्छा नियम बनाना जरूरी है, लेकिन उसमें सख्ती नहीं होनी चाहिए। बच्चों को समझाएं कि क्यों ये नियम बनाए गए हैं और उनका पालन कैसे करना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपने तय किया है कि सोने का समय रात 9 बजे होगा तो बच्चे को इसके पीछे का कारण समझाएं। इससे वह इन नियमों को आसानी से मानने लगेगा। इसके अलावा बच्चों को नियमों का पालन करने पर पुरस्कार दें।

#4

स्वतंत्रता दें

बच्चों को थोड़ी आजादी दें ताकि वे अपने फैसले खुद ले सकें। इससे उनका आत्मनिर्भरता बढ़ती है और वे खुद पर विश्वास करना सीखते हैं। उदाहरण के लिए छोटे बच्चे खुद कपड़े पहनने का प्रयास कर सकते हैं या खाना बनाने में मदद कर सकते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन की छोटी-बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। आजादी देने से बच्चे में निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित होती है।

#5

अनुशासन सिखाएं

अनुशासन बहुत जरूरी है, लेकिन इसे सख्ती से नहीं सिखाना चाहिए। बच्चों को समय पर उठना, खाना खाना और होमवर्क करना सिखाएं, लेकिन अगर वे कभी-कभार भूल जाएं तो गुस्सा करने की बजाय प्यार से समझाएं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे गलतियों से सीखना चाहते हैं। अनुशासन सिखाने का यह तरीका बच्चों में आत्मनियंत्रण विकसित करता है और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करता है। इसके अलावा बच्चों में आत्मविश्वास भी बढ़ता है।