महाशिवरात्रि 2023: दिल्ली के मशहूर शिव मंदिर, जहां हमेशा लगा रहता है भक्तों का तांता
इस महाशिवरात्रि यदि आप दिल्ली में हैं तो आपको भगवान शिव की पूजा करने और आशीर्वाद लेने के लिए हिमालय या प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों तक दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली और इसके आसपास में प्राचीन और विशेष शिव मंदिर हैं, जो आपके इस उद्देश्य को अच्छी तरह से पूरा कर सकते हैं। आइए आज हम आपको दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां शिवरात्रि के मौके पर दूर-दूर से लोग आते हैं।
प्राचीन गौरी शंकर मंदिर
पुरानी दिल्ली में स्थित 800 साल पुराना यह मंदिर साल 1761 में मराठा सैनिक आपा गंगाधर ने बनवाया था। इस मंदिर में भूरे रंग के पत्थर से बना शिवलिंग है और यह सफेद संगमरमर से ढका हुआ है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं भी विराजमान हैं और महाशिवात्रि के मौके पर दूर-दूर से भक्त यहां भगवान की पूजा-अर्चना करने आते हैं।
नीली छतरी मंदिर
नीली छतरी शिव को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। माना जाता है कि पांच पांडवों में सबसे बड़े राजा युधिष्ठिर ने भगवान शिव के सम्मान में इस मंदिर का निर्माण किया था और यहां अश्वमेघ यज्ञ भी किया था। यह मंदिर दिल्ली के जमुना बाजार इलाके में निगमबोध घाट पर स्थित है। आध्यात्मिक वातावरण में एकांत और शांति पाने के लिए मंदिर का हरा-भरा परिवेश एक बेहतरीन जगह है।
दूधेश्वरनाथ मंदिर
अपने नाम के अनुरूप ही यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना है, जिससे यह दूध में धुला हुआ प्रतीत होता है। इस मंदिर में गाजियाबाद के स्थानीय लोगों द्वारा पूजा जाने वाला एक स्वयंभू शिवलिंग है। हिंडन नदी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर से कई किंवदंतियां और मिथक जुड़े हुए हैं। यह भी माना जाता है कि मराठा राजा छत्रपति शिवाजी ने इस मंदिर का निर्माण कराया था।
शिव मंदिर गुफावाला
दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में स्थित यह मंदिर एक विशाल गुफा की तरह बनाया गया है। इसमें भगवान शिव और वैष्णो देवी के पीठासीन देवताओं के साथ हिंदू देवताओं की आकर्षक रूप से डिजाइन की गई छवियां और मूर्तियां हैं। इस मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि यह एक पर्यटक स्थल के रूप में भी कार्य करता है। यह 22 साल पुराना मंदिर है।
मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर
दिल्ली-गुरूग्राम NH-8 के करीब स्थित यह विशाल मंदिर हरे-भरे बगीचों के बीच स्थापित देवी-देवताओं की विशाल मूर्तियों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में मौजूद भगवान शिव की तांबे के रंग की मूर्ति प्रमुख आकर्षणों में से एक है, जो 100 फीट जितनी ऊंची है। महाशिवरात्रि पर महादेव का किया गया श्रृंगार देखने और मंदिर के आध्यात्मिक वातावरण में खो जाने के लिए इस मंदिर का रुख जरूर करें।