महाशिवरात्रि के मौके पर करना चाहिए दक्षिण भारत के इन शिव मंदिरों का रूख
इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी और इस दिन देश भर के लाखों भक्त भगवान शिव की पूजा के लिए पास के शिव मंदिरों में जाते हैं। कई मंदिरों में महाशिवरात्रि के दिन भव्य समारोह और मेले आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में अगर आप किसी प्राचीन शिव मंदिर में जाने की योजना बना रहे हैं तो दक्षिण भारत का रूख करें, जहां के मंदिर भारत की स्थापत्य कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
बृहदेश्वर मंदिर (तमिलनाडु)
बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित है। यह एक बड़ा शिव मंदिर है, जिसके निर्माण में 1,30,000 टन से भी अधिक ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण गर्भगृह के ऊपर बनाया गया 216 फीट लंबा टॉवर है। इस मंदिर में एक विशाल स्तंभों वाला गलियारा भी है और इसे भारत के सबसे बड़े शिव लिंगों में से एक गिना जाता है ।
मुरुदेश्वर मंदिर (कर्नाटक)
हर साल महाशिवरात्रि पर हजारों भक्त मुरुदेश्वर मंदिर जाते हैं। यह मंदिर कर्नाटक के मुरुदेश्वर शहर में स्थित एक लोकप्रिय शिव मंदिर है। कंदुका पहाड़ी पर बना और तीन ओर से अरब सागर से घिरा यह स्थान काफी मनोरम है। इसमें 20 मंजिला गोपुरम है और मंदिर परिसर में दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है। अगर आप किसी भी कारण से कर्नाटक जाएं तो मुरुदेश्वर मंदिर का रुख करना न भूलें।
महालिंगेश्वर मंदिर (कर्नाटक)
कर्नाटक के पुत्तूर जिले में सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक स्थलों में से एक महालिंगेश्वर मंदिर का निर्माण 11वीं-12वीं शताब्दी के आसपास किया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और मंदिर परिसर के चारों ओर एक छोटा तालाब है। किंवदंतियों के अनुसार, इस तालाब में मोती उगते पाए गए थे। कई लोगों का कहना है कि भगवान शिव द्वारा दिए गए एक श्राप के कारण इस मंदिर में हाथियों को लाने की मनाही है।
एट्टूमानूर महादेव मंदिर (केरल)
केरल के कोच्चि से 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एट्टूमानूर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जहां सालभर भक्तों को तांता लगा रहता है। यह भारत के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। किंवदंतियों के अनुसार, ऋषि व्यास और पांडव यहां पूजा करते थे। अपनी अनूठी लकड़ी की नक्काशी और भित्ति चित्रों के लिए लोकप्रिय इस मंदिर में हर साल फरवरी-मार्च के दौरान अरट्टू उत्सव का आयोजन किया जाता है।
यागंती मंदिर (आंध्र प्रदेश)
आंध्र प्रदेश के कर्नूल में स्थित श्री यागंती उमा महेश्वर मंदिर या यागंती मंदिर एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर पांचवीं और छठीं शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर की मुख्य मूर्ति अर्धनारीश्वर है, जो शिव और पार्वती के मेल रूप को दर्शाती है। महाशिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भव्य समारोहों का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।