बंदरों में होती हैं कई अद्भुत प्रतिभाएं, जानिए उनसे जुड़े रोचक तथ्य
बंदर समझदार और चालाक प्रवृति वाला जानवर है। इनके पास प्राकृतिक तौर पर कई अद्भुत प्रतिभा होती हैं और इनकी मदद से वे अपना जीवन आसानी से व्यतीत कर पाते हैं। सबसे अच्छी बात है कि इनमें इंसानों की तरह भावनाएं समेत एक-दूसरे एक प्रति प्रेमभाव भी होता है। आइए आज बंदरों से जुड़े उन पांच रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं, जिनके बारे में शायद आप अभी तक अनजान होंगे।
इस तरह एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं बंदर
ऐसा माना जाता है कि दुनियाभर में बंदरों की 260 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर बंदर एक-दूसरे के शरीर से कीड़े और गंदगी निकालते हैं और उनके ऐसा करने से आपस में प्यार और दोस्ती बढ़ती है। एक तरह से यह उनका एक दूसरे के साथ संपर्क में रहने का तरीका है। वर्वेट प्रजाति के बंदर एक-दूसरे की बालों में कंघी करते हैं, जिससे उनका फर और अधिक मोटा हो जाता है।
पेड़ों को काफी सावधानी से चुनते हैं बंदर
बंदर रात को सोने के लिए बहुत सोच-समझकर पेड़ का चुनाव करते हैं। आमतौर पर वो ऐसे पेड़ चुनते हैं जो लंबे होने समेत अलग-थलग हों और उनकी शाखाएं एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर होती हैं। इससे उन्हें शिकारियों से बचने में भी मदद मिलती है। वर्तमान समय में घटते जंगलों के कारण बंदर भोजन और पानी तक पहुंच को आसान बनाने के लिए इंसानी बस्तियों के आस-पास मौजूद पड़ों पर ही अपना डेरा डालते हैं।
केले के अलावा पक्षी और चूहे भी खाते हैं बंदर
यह बात सभी को पसंद है कि बंदर को केले खाना बहुत पसंद होता है। हालांकि, ज्यादातर बंदर सर्वाहारी होते हैं और केले, सूखे मेवे, फूल, फल, सब्जियां, छाल, जड़ों के साथ-साथ पक्षियों, चूहे और उनके प्राकृतिक आवास में उपलब्ध हर चीज को भी खाते हैं। इसके अतिरिक्त वे केकड़ा, झींगा और घोंघा जैसे अकशेरुकी (Invertebrate) जीवों को भी बड़े चाव से खाते हैं।
चिंपैंजी और गोरिल्ला नहीं होते हैं बंदर
अक्सर कई लोग चिंपैंजी और गोरिल्ला जैसे जानवरों को भी बंदर कहते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। बंदर अलग-अलग होते हैं। बंदरों की पूंछ होती है और चिंपैंजी समेत गोरिल्ला की पूंछ नहीं होती है। इसके अलावा ये जानवर बंदरों की तुलना में अधिक बड़े और अधिक बुद्धिमान भी होते हैं। ये जानवर अपनी अलग खूबियों के लिए भी पहचाने जाते हैं।
कुछ बंदरों के अंगूठे इंसानों की तरह होते हैं
बंदरों की सबसे खास बात यह है कि उनके हाथों में इंसानों की तरह अंगूठा होता है। हालांकि, यह उनके ज्यादा काम नहीं आता है। इसके उलट इंसानों के हर काम में अंगूठे का अहम योगदान होता है और उसके बिना वह बेबस हो जाते हैं। बंदर भी अपने हाथों में मौजूद अंगूठे को अलग-अलग दिशाओं में घुमा भी सकते हैं। कई बार आप बंदरों को कुछ खाते समय अंगूठे का इस्तेमाल भी करते हुए देख सकते हैं।