भारतीय इतिहास पर आधारित हैं ये किताबें, दिनचर्या में शामिल करना हो सकता है लाभदायक
भारतीय इतिहास एक विशाल और जटिल विषय है, जिसमें अनगिनत कहानियां, घटनाएं और युग शामिल हैं। अगर आप अपने बच्चों या युवा पाठकों को भारतीय इतिहास के बारे में जानने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं तो हिंदी में लिखी गई कुछ किताबें आपके लिए उपयुक्त हो सकती हैं। यहां 5 ऐसी किताबें हैं, जो न केवल जानकारीपूर्ण हैं बल्कि रोचक भी हैं और युवाओं को आकर्षित कर सकती हैं।
भारत की खोज (जवाहरलाल नेहरू)
जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी 'भारत की खोज' एक अहम और रोचक किताब है, जो भारत के इतिहास का विस्तृत विवरण देती है। नेहरू जी ने इस किताब को साल 1942-1946 के दौरान जेल में रहते हुए लिखा था। यह किताब आर्यों के आगमन से लेकर ब्रिटिश शासन तक की घटनाओं को कवर करती है। यह न केवल इतिहास प्रेमियों बल्कि उन युवाओं के लिए भी उपयुक्त है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समझना चाहते हैं।
भारत का मध्यकालीन इतिहास - आर.एस. चौरसिया
आर.एस. चौरसिया द्वारा लिखित 'भारत का मध्यकालीन इतिहास' मध्यकालीन भारत की घटनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है। यह किताब 1000 ईस्वी से 1707 ईस्वी तक के कालखंड को कवर करती है, जिसमें सुल्तानात और मुगल काल शामिल हैं। इसमें भक्ति आंदोलन, समाज और संस्कृति, कला और वास्तुकला, तथा आर्थिक पहलुओं पर सरल भाषा में चर्चा की गई है। यह किताब युवा पाठकों को उस समय की जटिलताओं को समझने में मदद करती है।
आधुनिक भारत का इतिहास - बिपन चंद्र
बिपन चंद्र द्वारा लिखित 'आधुनिक भारत का इतिहास' आधुनिक कालखंड का एक अहम स्रोत मानी जाती है। यह किताब ब्रिटिश शासनकाल के दौरान भारत के आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक परिवर्तनों पर रोशनी डालती है। इसमें बताया गया है कि किन वजहों से ब्रिटिश इतने लंबे समय तक भारत पर राज कर सके। यह किताब युवा पाठकों को आधुनिक भारत की निर्माण प्रक्रिया को गहराई से समझने में मदद करती है।
प्लासी से विभाजन तक - शेखर बंदोपाध्याय
शेखर बंदोपाध्याय द्वारा लिखित 'प्लासी से विभाजन तक' आधुनिक भारतीय इतिहास का एक अहम हिस्सा प्रस्तुत करती है। इस किताब में मुगल साम्राज्य के पतन और ब्रिटिश साम्राज्य के उदय पर विस्तार से चर्चा होती है। इसमें स्वतंत्रता संग्राम, विदेशी शासकों द्वारा लाए गए सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन तथा भारतीयों द्वारा सामना की गई समस्याओं का विस्तृत विवरण मिलता है। यह किताब युवा पाठकों को उस समय की जटिलताओं और संघर्षों को समझने में मदद करती है।
गांधी के बाद का भारत - रामचंद्र गुहा
रामचंद्र गुहा द्वारा लिखित 'गांधी के बाद का भारत' स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय राजनीति और सामाजिक परिवर्तनों पर केंद्रित एक अहम किताब मानी जाती है। इसमें जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी सहित कई प्रधानमंत्रियों और उनके कार्यकालों पर विस्तार से चर्चा होती है। यह किताब स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय समाज और राजनीति को समझने के लिए बहुत उपयोगी साबित होती है।