हर महिला की अलमारी में होनी चाहिए ये 4 तरह की महेश्वरी साड़ियां, पहनकर लगेंगी सुंदर
क्या है खबर?
साड़ी हर महिला का पसंदीदा परिधान होती है, जिसके भारत में कई प्रकार होते हैं। इन्हीं प्रकारों में से एक है महेश्वरी साड़ी, जो मध्य प्रदेश के महेश्वर में बनाई जाती हैं।
यह साड़ी प्राचीन सभ्यता और राजसी ठाट की अनोखी कहानी पेश करती है। इसे हाथों से बुनकर तैयार किया जाता है, जिस कारण यह शिल्प कौशल का भी बढ़िया नमूना बन जाती है।
आज के फैशन टिप्स में जानिए महेश्वरी साड़ी के 4 प्रकार कौन-से होते हैं।
#1
बुगड़ी महेश्वरी साड़ी
महेश्वरी साड़ी का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है 'बुगड़ी', जिसका मतलब होता है 'पलटने योग्य बॉर्डर' वाली साड़ी।
यह साड़ी मध्य प्रदेश की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले पारंपरिक झुमके 'बुगड़ी' से प्रेरित है। इस साड़ी के बॉर्डर पर जटिल जोमेट्रिक पैटर्न बने होते हैं, जिनमें चौकोर, गोल, त्रिकोण और रेखाएं आदि शामिल होती हैं।
इस साड़ी को महिलाएं दोनों तरफ पलटकर पहन सकती हैं। ये आम तौर पर गुलाबी, नारंगी और लाल जैसे चमकीले रंगों में बनाई जाती हैं।
#2
लहरिया महेश्वरी साड़ी
लहरिया साड़ियां राजस्थान का एक पारंपरिक टाई-डाई परिधान है, जो अपने अनूठे लहर जैसे पैटर्न के लिए जानी जाती हैं।
राजस्थानी लहरिया और महेश्वरी साड़ियों के अनोखे मिश्रण को लहरिया महेश्वरी साड़ी कहा जाता है। इस तरह की साड़ी का केवल बॉर्डर लहरिया पैटर्न वाला होता है और बाकी की साड़ी पारंपरिक महेश्वरी पैटर्न वाली होती है।
यह फ्यूजन साड़ी खास तौर से नई पीढ़ी की युवा महिलाओं के बीच प्रचिलित हो रही है।
#3
चंद्रकला महेश्वरी साड़ी
चंद्रकला महेश्वरी साड़ी मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाले महेश्वरी साड़ी है।
आम तौर पर यह साड़ी काले जैसे गाढ़े रंगों में बनाई जाती है और इसपर सोने की जरी का काम भी किया जाता है। यह साड़ी सिल्क वाले कॉटन के कपड़े से बनाई जाती है, जिस कारण यह टिकाऊ, आरामदायक और मजबूत होती है।
महिलाएं चंद्रकला महेश्वरी साड़ी को मंदिर जाते समय, त्योहारों पर या रात की पार्टियों में पहन सकती हैं।
#4
चट्टई महेश्वरी साड़ी
चट्टाई या चटाई पैटर्न माहेश्वरी साड़ियों का एक विशेष डिजाइन है। यह एक बुना हुआ पैटर्न है, जो किसी चटाई के जैसा ही दिखाई देता है।
इस पैटर्न वाली साड़ियों को अक्सर प्राकृतिक और मिट्टी के रंगों में बनाया जाता है। यह बुनाई अन्य माहेश्वरी साड़ियों की तुलना में हल्की होती है।
ईंट, हीरा और लहरिया पैटर्न के साथ-साथ यह पैटर्न भी महेश्वर किले में पाए जाने वाली वास्तुकला से प्रेरित है।