जायडस कैडिला ने भारत में बिना सुई वाली कोरोना वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगी
फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। ये तीन खुराक वाली वैक्सीन होगी और इसे सुई की मदद से नहीं लगाया जाएगा। ये दुनिया की पहली DNA कोरोना वैक्सीन होगी। कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन की तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो गया है और ये 12 साल से 18 साल तक के बच्चों और किशोरों पर उपयोग के लिए भी सुरक्षित है।
ट्रायल में 66.6 प्रतिशत प्रभावी पाई गई वैक्सीन
कंपनी ने अपने बयान में बताया कि तीसरे चरण के ट्रायल में उसकी वैक्सीन को लैक्षणिक कोरोना संक्रमण के खिलाफ 66.6 प्रतिशत और मध्यम बीमारी के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। कंपनी ने कहा कि वैक्सीन 12-18 साल के बच्चों पर उपयोग के लिए भी सुरक्षित है। जायडस ने देशभर में 28,000 से अधिक लोगों पर अपनी वैक्सीन का ट्रायल किया था जिनमें 12-18 साल के 1,000 वॉलेंटियर्स भी शामिल थे।
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी कारगर है वैक्सीन- कंपनी
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि उसने वैक्सीन की तीसरे चरण का ट्रायल दूसरी लहर के समय किया था जिसमें कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने कहर बरपाया था। उसने कहा कि इससे वैक्सीन के नए वेरिएंट्स खासकर डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कारगर होने की बात साबित होती है। शरीर के अंदर जाने पर ये वैक्सीन कोरोना जैसी स्पाइक प्रोटीन बनाएगी जिन्हें पहचान कर इम्युन सिस्टम एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर देगा। इन्हें वेरिएंट्स के हिसाब से बदला जा सकता है।
कंपनी की हर महीने एक करोड़ खुराकें बनाने की योजना
मंजूरी मिलने के बाद जायडस अपनी वैक्सीन की हर महीनने एक करोड़ और सालाना 12 करोड़ खुराकें बनाने की योजना बनी रही है। इसके अलावा वह दो अन्य कंपनियों से समझौता करने पर भी विचार कर रही है जिसके बाद हर महीने वैक्सीन की 3-4 करोड़ खुराकें बनाई जा सकेंगी। वैक्सीन को स्टोर करना भी आसान है और इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जा सकता है। इससे इसे ट्रांसपोर्ट करने भी आसाना होता है।
28वें और 56वें दिन दी जाएगी दूसरी और तीसरी खुराक
जायडस की वैक्सीन की सबसे अलग बात ये है कि इसकी तीन खुराक लगवानी होगी। दूसरी खुराक को पहली खुराक के 28वें दिन और तीसरी खुराक को 56वें दिन दिया जाएगा। कंपनी दो खुराकों वाली वैक्सीन पर भी काम कर रही है।
मंजूरी मिलने पर देश की पांचवीं वैक्सीन होगी
बता दें कि अगर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) जायडस की वैक्सीन को मंजूरी देते हैं तो यह भारत में मंजूरी पाने वाली पांचवीं वैक्सीन होगी। इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा चुकी है। हालांकि अभी उपयोग केवल कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद से अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 33,57,16,019 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 27,60,99,880 लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 5,96,16,139 लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं। 21 जून के बाद से वैक्सीनेश की रफ्तार में तेजी आई है और रोजाना औसतन 50 लाख से अधिक खुराकें लग रही हैं। हालांकि कल महज 27,60,345 खुराकें लगीं।