साक्षी मलिक रेलवे में अपनी ड्यूटी पर वापस लौटीं, आंदोलन छोड़ने की खबरों का किया खंडन
दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन करने से हटाए जाने के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी रेलवे की ड्यूटी वापस ज्वॉइन कर ली। इसके अलावा पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी अपनी रेलवे की नौकरी पर लौट आए हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, पहलवानों ने 31 मई को अपनी-अपनी ड्यूटी ज्वॉइन कर ली थी। इससे पहले शनिवार को पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
साक्षी मलिक ने आंदोलन छोड़ने की खबरों का किया खंडन
इस बीच यह खबर भी आई कि साक्षी मलिक ने आंदोलन से अपना नाम वापस ले लिया है। इन खबरों का खंडन करते हुए साक्षी ने ट्विटर पर लिखा, 'ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में न हम में से कोई पीछे हटा है, न हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर न चलाई जाए।'
साक्षी मलिक बोलीं- लड़ाई रहेगी जारी
साक्षी बोलीं- हम पीछे नहीं हटेंगे
साक्षी ने कहा, 'हम केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मिले। यह एक सामान्य बातचीत थी। हमारी केवल एक ही मांग है कि उन्हें (बृजभूषण) गिरफ्तार किया जाए। मैं धरने से पीछे नहीं हट रही हूं, रेलवे में विशेष कार्याधिकारी (OSD) के रूप में मैंने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हम विरोध करते रहेंगे। हम पीछे नहीं हटेंगे।"
साक्षी के पति ने भी किया आंदोलन से अलग होने की खबरों का खंडन
साक्षी के पति और पहलवान सत्यव्रत कादियान ने कहा, "मीडिया में फेक न्यूज चलाई जा रही है और उनका सरकार से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं हुआ है।" उन्होंने WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला पहलवान के बयानों से पलट जाने की खबरों का भी खंडन किया है। उनका आरोप है कि पहलवानों के आंदोलन को तोड़ने के लिए इस तरह की खबरें चलाई जा रही हैं।
फेक न्यूज को लेकर क्या बोले पहलवान?
पूनिया बोले- आंदोलन वापस लेने की खबर कोरी अफवाह
पहलवान बजरंग पूनिया ने भी आंदोलन से हटने की खबरों को कोरी अफवाह करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं। ये खबरें हमें और हमारे आंदोलन को नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों के FIR वापस लेने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।"
पहलवानों की गृह मंत्री से मुलाकात भी नहीं रही खास
28 मई को पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर से हटाया गया था, जिसके विरोध में पहलवान 30 मई को हरिद्वार गंगा नदी में अपने मेडल बहाने पहुंचे थे। हालांकि, किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद किसानों ने महापंचायत करके 9 जून तक सरकार को बृजभूषण को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया। पहलवानों ने 2 मई को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं रहा।
क्या है मामला?
एक नाबालिग पहलवान समेत 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर पहलवानों ने जनवरी में भी प्रदर्शन किया था। तब जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी। इस जांच में लेटलतीफी के चलते अप्रैल में पहलवान फिर से धरने पर बैठ गए थे। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर 2 FIR दर्ज की हैं। विशेष जांच दल (SIT) मामले की जांच कर रहा है।