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क्या देश में मार्च, 2026 की तय समयसीमा से पहले ही खत्म हो जाएगा नक्सलवाद?
छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं

क्या देश में मार्च, 2026 की तय समयसीमा से पहले ही खत्म हो जाएगा नक्सलवाद?

लेखन आबिद खान
Oct 29, 2025
07:03 pm

क्या है खबर?

छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के आत्मसमर्पण का सिलसिला जारी है। आज ही बीजापुर में 9 महिला नक्सलियों समेत 51 नक्सलियों ने हथियार छोड़े हैं। इसके पहले भी कई शीर्ष नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। ये ऐसे समय हो रहा है, जब गृह मंत्री अमित शाह ने भारत से वामपंथी उग्रवाद के सफाए के लिए 31 मार्च, 2026 तक की समयसीमा निर्धारित कर रखी है। आइए समझते हैं कि क्या इससे पहले ही माओवाद खत्म हो जाएगा।

मुठभेड़

छत्तीसगढ़ में अब तक 3,000 से ज्यादा मुठभेड़ हुई

2001 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच 3,404 मुठभेड़ें हुई हैं। 2025 में सबसे ज्यादा 89 बार सुरक्षाबल और नक्सली आमने-सामने हुए, जिसमें 224 नक्सली मारे गए। ये आंकड़ा बीते 2 दशकों में सबसे ज्यादा है। वहीं, पिछले साल 123 मुठभेड़ों में 217 नक्सली माओवादी मारे गए थे। सबसे ज्यादा 276 मुठभेड़ साल 2006 में हुई थीं, जिनमें 60 नक्सली मारे गए थे।

सुरक्षाबल

नक्सल विरोधी अभियानों में कितने जवान मारे गए?

NDTV के मुताबिक, 2001 से 2025 तक छत्तीसगढ़ के बस्तर में लगभग 1,315 पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान मुठभेड़ में शहीद हुए हैं। सबसे ज्यादा 200 जवान साल 2017 में मारे गए थे। वहीं, 2010 में भी 171 जवानों ने अपनी शहादत दी थी। इस साल अब तक 25 जवान शहीद हुए हैं। 2010 और 2017 में दंतेवाड़ा और बुरकापाल समेत कई इलाकों में नक्सलियों ने लगातार IED विस्फोट और घात लगाकर हमले किए थे।

नागरिक

कितने आम नागरिक मारे गए?

नक्सलियों की गोलियों और धमाकों का निशाना आम लोग भी बने। बस्तर के रेड जोन में 2001 से अब तक 1,817 निर्दोष नागरिकों की जान जा चुकी है। 2006 में सबसे ज्यादा 279 आम नागरिक मारे गए थे। नक्सलियों ने सरेआम कई लोगों को पुलिस का मुखबिर बताकर मौत के घाट उतार दिया। 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने झीरम घाटी में राज्य के बड़े कांग्रेसी नेताओं को मार गिराया था।

जानकारी

कितने हथियार बरामद हुए?

2001 से 2025 के बीच नक्सलियों के ठिकानों से 4,312 IED और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। सबसे ज्यादा बरामदगी इसी साल हुई है। 2025 में ही 3,327 हथियार भी बरामद किए गए।

आत्मसमर्पण

इस साल सबसे ज्यादा नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

2001 से 2025 के बीच 7,826 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। केंद्र सरकार की सख्त कार्रवाई और नक्सलियों को पुनर्वास योजना की बदौलत इस साल सबसे ज्यादा 1,319 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें कई सीनियर कमांडर भी शामिल हैं। इसी तरह 2016 में 1,208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। वहीं, बीते करीब 25 सालों में सुरक्षाबलों ने 13,416 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। सबसे ज्यादा 1,136 नक्सली 2018 में गिरफ्तार किए गए थे।

बयान

गृह मंत्री ने नक्सलवाद खत्म करने का किया था वादा

24 अगस्त, 2024 को गृह मंत्री ने रायपुर में कहा था, "देश से मार्च, 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। लेफ्ट विंग माओवाद के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद पर एक मजबूत रणनीति और निर्मम दृष्टिकोण के साथ अंतिम प्रहार किया जाए।" इसी साल मार्च में संसद के बजट सत्र के दौरान भी गृह मंत्री ने दोहराया था कि 31 मार्च, 2026 तक भारत नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा।