#NewsBytesExplainer: मेक्सिको ने भारत पर क्यों लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ, क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अमेरिका के बाद मेक्सिको ने भी भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। मेक्सिको की संसद ने भारत समेत चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया पर टैरिफ लगाने को मंजूरी दे दी है। यह टैरिफ 2026 से लागू होगा और ऐसे देशों पर लगाया जाएगा, जिनके साथ मेक्सिको का कोई मुक्त व्यापार समझौता (FTA) नहीं है। 1,400 से ज्यादा उत्पाद इसके दायरे में आएंगे। आइए इसका असर समझते हैं।
फैसला
क्या है मेक्सिको का नया फैसला?
नए फैसले के मुताबिक, 1,400 से ज्यादा वस्तुओं पर 5 से 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया गया है। 50 प्रतिशत टैरिफ कुछ खास उत्पादों पर, जबकि ज्यादातर पर 30 से 35 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। मेक्सिको का जिन देशों के साथ FTA नहीं है, उनसे वो ऑटोमोबाइल, मशीनरी, इस्पात, रासायनिक उत्पाद, वस्त्र, जूते, विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और प्लास्टिक वस्तुएं आयात करता है। इन सभी श्रेणियों पर नई टैरिफ दरें लागू होंगी।
वजह
मेक्सिको ने क्यों उठाया ये कदम?
इस फैसले के कई कारण हैं। सबसे बड़ी वजह चीन से सस्ते सामानों का आयात रोकना है। मेक्सिको का चीन के साथ 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा का व्यापार घाटा है। चीनी उत्पादों ने इस्पात, ऑटो पार्ट्स और कपड़ा जैसे कई घरेलू क्षेत्रों को प्रभावित किया है। चीन ने यहां कई कारखाने और कंपनियां स्थापित की हैं, जो टैरिफ से बचने के लिए अमेरिका को सामान निर्यात करती हैं।
अमेरिका
क्या अमेरिका को खुश करने के लिए उठाया कदम?
अगले साल अमेरिका-मेक्सिको के बीच व्यापार समझौते की समीक्षा होनी है। अमेरिका लगातार मेक्सिको को धमकी देता आया है कि वो चीनी सामान का अपने देश होते हुए अमेरिका में प्रवेश रोके। अमेरिका पहले से ही मेक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाता है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर मेक्सिको के रास्ते चीनी सामान अमेरिका आया तो ये टैरिफ बढ़ भी सकता है। ऐसे में ये कदम अमेरिका को खुश करने का संकेत भी है।
व्यापार
भारत और मेक्सिको के बीच कितना व्यापार होता है?
भारत और मेक्सिको के बीच 10 अरब डॉलर से ज्यादा का द्विपक्षीय व्यापार होता है। साल 2022 में ये आंकड़ा 11.4 अरब डॉलर था। साल 2023 में इसमें थोड़ी कमी आई और यह 10.6 अरब डॉलर रह गया। सबसे ज्यादा व्यापार 2024 में 11.7 अरब डॉलर का हुआ था। तब भारत ने मेक्सिको को 8.9 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया और केवल 2.8 अरब डॉलर का सामान आयात हुआ। यानी मेक्सिको के साथ भारत का व्यापार अधिशेष है।
ऑटोमोबाइल
भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां होंगी सबसे ज्यादा प्रभावित
भारत हर साल मेक्सिको को 80 करोड़ डॉलर से 100 करोड़ डॉलर कीमत के यात्री वाहन निर्यात करता है। मेक्सिको भारत का तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन निर्यात बाजार है। अब भारत से निर्यात किए जाने वाले यात्री वाहनों पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगेगा, जो पहले 20 प्रतिशत था। रॉयटर्स के अनुसार , स्कोडा, फॉक्सवैगन, हुंडई, निसान और मारुति सुजुकी प्रमुख निर्यातक हैं। स्कोडा भारत से मेक्सिको भेजे जाने वाले वाहनों के लगभग आधे हिस्से का निर्यात करती है।
असर
भारत पर और क्या होगा असर?
लोहे और इस्पात पर अब 35-40 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, जिससे टाटा स्टील जैसी कंपनियों को गंभीर झटका लगेगा। 50-60 करोड़ डॉलर के वस्त्र, परिधान और जूते के निर्यात पर 30-35 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। इससे भारतीय सामान बहुत महंगे हो जाएंगे। 40 करोड़ डॉलर मूल्य के जैविक रसायन और फार्मास्यूटिकल्स पर 15-30 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। इन सभी श्रेणियों में भारत का मेक्सिको को निर्यात 25 से 40 प्रतिशत तक गिर सकता है।