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लद्दाख DGP ने कहा- सोनम वांगचुक का पाकिस्तानी जासूस से संबंध, और क्या-क्या खुलासे किए?
सोनम वांगचुक को लेकर लद्दाख के DGP ने कई खुलासे किए हैं

लद्दाख DGP ने कहा- सोनम वांगचुक का पाकिस्तानी जासूस से संबंध, और क्या-क्या खुलासे किए?

लेखन आबिद खान
Sep 27, 2025
05:45 pm

क्या है खबर?

लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जांच एजेंसियों के निशानें पर हैं। उन्हें सख्त NSA कानून के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में रखा गया है। अब लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉक्टर एसडी सिंह जामवाल ने दावा किया है कि वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध थे और उनके पास इसके रिकॉर्ड हैं। जामवाल ने वांगचुक की बांग्लादेश यात्रा पर भी सवाल उठाए हैं।

बांग्लादेश

DGP बोले- वांगचुक के पाकिस्तान संबंध के सबूत

लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान DGP जामवाल ने कहा, "पुलिस ने एक पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) को गिरफ्तार किया था, जो वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। वांगचुक पाकिस्तान में डॉन अखबार के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने बांग्लादेश का भी दौरा किया था। उन पर बड़ा सवालिया निशान है, जांच की जा रही है।" बता दें कि वांगचुक ने इसी साल फरवरी में पाकिस्तान की यात्रा की थी।

हाईजैक

वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे थे वांगचुक- DGP

DGP जामवाल ने कहा कि यह हिंसा सुनियोजित लगती है। उन्होंने वांगचुक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके जैसे 'तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं' ने केंद्र के साथ चल रही वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश की। उन्होंने कहा "ये लोग मंच को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे थे। वांगचुक ने भड़काऊ भाषण दिए और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर तनाव बढ़ाया। उन्होंने पहले भी इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए कुछ कहा और किया भी।"

आरोप

DGP ने वांगचुक को लेकर ये बातें भी कही

DGP ने वांगचुक पर लेह में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "वांगचुक का लोगों को भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का जिक्र किया है। FCRA उल्लंघन के लिए उनकी विदेशी फंडिंग की जांच चल रही है।" DGP ने कहा कि भूख हड़ताल को एक ऐसा मंच बनाया गया था, जहां शांति और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए शरारती तत्वों को आमंत्रित किया गया था।

गोलीबारी

DGP ने पुलिस गोलीबारी की वजह भी बताई

DGP जामवाल ने कहा, "CRPF जवानों को बेरहमी से पीटा गया। एक जवान के रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी है। एक इमारत में आग लगाई गई, उसमें 4 महिला पुलिसकर्मी थीं। आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई और 4 लोगों की जान चली गई। पहले दिन 32 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इनमें से 17 CRPF और 15 लद्दाख पुलिस के थे। बाद में यह संख्या बढ़कर 70-80 हो गई। इतने ही नागरिक भी घायल हुए।"

हिंसा

लद्दाख में क्यों भड़की हिंसा?

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन हो रहे हैं। वांगचुक कई मांगों को लेकर 15 दिनों से आमरण अनशन पर थे। बुधवार को छात्रों और स्थानीय लोगों ने लेह में उनकी मांगें पूरी नहीं करने के विरोध में बंद बुलाया था। इसी दौरान हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और CRPF वाहन में आग लगा दी थी।