लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस विधायक दफ्तर से उठा ले गया कुर्सियां
टिकट और महत्व ना मिलने पर नेता कैसी अजीबोगरीब हरकत कर सकते हैं, इसकी एक बानगी मंगलवार को देखने को मिली। लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार केंद्रीय महाराष्ट्र स्थित स्थानीय पार्टी दफ्तर से 300 कुर्सी ही उठा ले गए। सत्तार का इस पर कहना है कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी है और वो कुर्सियां उनकी थी। आइए इस रोचक घटना के बारे में आपको पूरा जानकारी देते हैं।
दफ्तर में NCP के साथ होनी थी कांग्रेस की बैठक
दरअसल, कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने मंगलवार को गठबंधन के अपने साथी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ शाहगंज इलाके के गांधी भवन में साझा बैठक बुलाई थी। लेकिन बैठक से पहले सिल्लोड सीट से मौजूदा विधायक सत्तार अपने समर्थकों की मदद से पार्टी दफ्तर से 300 कुर्सियां लेकर चले गए। समर्थकों और सत्तार ने दावा किया कि यह कुर्सियां उनकी थी और इसीलिए वह उन्हें उठा कर ले गए। बैठक बाद में इलाके के NCP दफ्तर में हुई।
टिकट न मिलने से नाराज थे विधायक
सत्तार की इस हरकत के पीछे लोकसभा टिकट न मिलने पर उनकी नाराजगी को माना जा रहा है। जिले के प्रमुख कांग्रेस नेताओं में शामिल सत्तार को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें औरंगाबाद सीट से लोकसभा टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह MLC सुभाष झांबड को टिकट दे दी और सत्तार इससे नाराज हो गए। जब उन्हें मंगलवार को होने जा रही बैठक के बारे में पता चला, उनके समर्थक सारी कुर्सियों को उठा ले गए।
सत्तार ने कहा, जो चुनाव लड़ रहे हैं वह खुद करें बंदोबस्त
सत्तार ने PTI को बताया, "कुर्सियां मेरी थीं और हम उन्हें कांग्रेस की बैठकों के लिए देते थे। अब मैंने पार्टी छोड़ दी है, इसलिए अपनी कुर्सियां वापस ले लीं। जिन्हें टिकट मिली है अब वह चुनावी अभियान के लिए बंदोबस्त करें।" वहीं झांबड ने कहा, "सत्तार को उन कुर्सियों की जरूरत होगी, इसलिए वह लेकर चले गए। हम निराश नहीं हैं। सत्तार अभी भी कांग्रेस में हैं और उनके इस्तीफे को अभी मंजूर नहीं किया गया है।"
कांग्रेस के गठबंधन का भाजपा के गठबंधन से मुकाबला
बता दें महाराष्ट्र में कांग्रेस और NCP गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा कुछ स्थानीय पार्टियां और संगठन भी उनके साथ हैं। सीट समझौते के अनुसार, कांग्रेस 26 और NCP 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों ही पार्टियां अपने हिस्से से कुछ सीटें अन्य साथियों को देंगी। इस गठबंधन का मुकाबला भाजपा और शिवसेना के गठबंधन से होगा। बता दें कि महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं, जोकि उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक हैं।