#NewsBytesExplainer: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर समान टैरिफ लगाने का ऐलान, क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अमेरिकी सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि वे 2 अप्रैल से भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं। यानी जितना टैरिफ भारत लगाता है, उतना ही अमेरिका भी लगाएगा।
ट्रंप ने कहा कि भारत हमसे 100 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी ऐसा ही करने जा रहे हैं।
आइए जानते हैं इसका क्या असर हो सकता है।
महंगाई
बढ़ सकती है महंगाई
भारत अमेरिका को कई चीजें निर्यात करता है। इनमें दवाइयां, कपड़े, गहने, और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
इन वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ने से भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ेगी। संभावना है कि कंपनियां ये बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं, जिससे दवाइयां, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण समेत कई रोजमर्रा की चीजें भी महंगी हो सकती हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान दवा कंपनियों को उठाना पड़ सकता है, क्योंकि भारत भारी संख्या में जनरिक दवाएं अमेरिका को निर्यात करता है।
एपल
भारत में बने आईफोन की कीमतों पर होगा असर
ट्रंप के फैसले का असर एपल पर पड़ सकता है। भारत के निर्यात राजस्व में करीब 70 प्रतिशत हिस्सेदारी आईफोन की है।
भारत मोबाइल फोन पर 10 से 25 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगाती है। अगर ट्रंप ने निर्यात के लिए भारत में बनने वाले आईफोन पर इतना ही टैक्स लगाया तो एपल को झटका लगना तय है।
ट्रंप ने चीन पर कम टैरिफ लगाया है। ऐसे में चीन में बने आईफोन भारत में बने आईफोन की तुलना में सस्ते होंगे।
क्षेत्र
और किन-किन क्षेत्रों पर हो सकता है असर?
जानकारों का कहना है कि केमिकल, धातु उत्पाद और आभूषण से जुड़े उद्योगों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। इसके बाद ऑटोमोबाइल, दवाइयां और खाद्य उत्पाद से जुड़े उद्योगों पर असर पड़ेगा।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, अगर अमेरिका टैरिफ को कृषि उत्पादों पर भी लागू करता है तो झींगा और डेयरी समेत भारत के कृषि और खाद्य निर्यात सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि इन पर 40 प्रतिशत तक टैरिफ है।
आंकड़े
आंकड़ों में कितना नुकसान हो सकता है?
सिटी रिसर्च के मुताबिक, भारत पर जवाबी टैरिफ लगने पर 61,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो सकता है। इसका सीधा असर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर पड़ेगा और भारतीय GDP को सालाना 0.60 प्रतिशत का नुकसान हो सकता है।
बता दें अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। टैरिफ बढ़ने से इस पर असर पड़ सकता है।
बयान
क्या कह रहे हैं जानकार?
अर्थशास्त्री और ET NOW के सलाहकार संपादक स्वामीनाथन अय्यर ने कहा, "ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव बहुत कम होगा, लेकिन बड़ी समस्या यह है कि अनिश्चितता के कारण दुनिया की GDP धीमी हो रही है। इससे भारत की GDP भी धीमी हो रही है।"
उन्होंने कहा, "भारत पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भारत शायद ही ट्रंप की रडार पर है। ट्रंप रूस, चीन, मैक्सिको और अन्य बड़े लोगों से मुकाबला कर रहे हैं।"
भारत
भारत क्या तैयारी कर रहा है?
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, भारतीय अधिकारी कारों और रसायनों सहित कई तरह के आयातों पर शुल्क कम करने के तरीके खोज रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में अधिकारी ऑटोमोबाइल, कुछ कृषि उत्पादों, रसायनों, दवाइयों के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर शुल्क कम करने पर चर्चा कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को उम्मीद है कि इस तरह के प्रयासों से भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में मदद मिलेगी।