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दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमारे पास समाधान के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं
दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं है

दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमारे पास समाधान के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं

लेखन आबिद खान
Nov 27, 2025
01:03 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को हर नागरिक से जुड़ा एक जरूरी मुद्दा बताया और कहा कि ये लगातार निगरानी की मांग करता है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने संकट की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा, "हम सभी समस्या को जानते हैं। हमें सभी कारणों की पहचान करनी होगी। कोई एक कारण नहीं है, ऐसा सोचना गलत होगा।" कोर्ट इस मामले पर 1 दिसंबर से लगातार सुनवाई करेगा।

जादुई छड़ी

कोर्ट ने पूछा- समस्या सबको पता, लेकिन समाधान क्या है?

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अपराजिता सिंह ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की। इस पर CJI ने कहा, "न्यायपालिका के पास कौनसी जादुई छड़ी घुमा सकता है? मुझे पता है कि यह दिल्ली-NCR के लिए खतरनाक है, लेकिन मुझे बताइए कि हम क्या निर्देश दे सकते हैं ताकि तुरंत स्वच्छ हवा उपलब्ध हो? समस्या सबको पता है, मुद्दा यह है कि समाधान क्या हैं। हमें इसकी वजहें पहचाननी होंगी और इसका हल तो विशेषज्ञ ही दे सकते हैं।"

कोर्ट

दिवाली से पहले ये हर साल की रस्म- कोर्ट

न्यायमित्र ने कहा कि कागजों पर तो समाधान हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा, "नहीं, हम इस मामले को नियमित आधार पर देखेंगे। जो होता है, वह औपचारिक रूप से सूचीबद्ध होता है। यह मामला दिवाली के आसपास औपचारिक तौर पर भी सूचीबद्ध होता है, लेकिन सर्दियों के बाद यह गायब हो जाता है। इसकी नियमित निगरानी अब जरूरी है।" CJI ने आश्वासन दिया कि कोर्ट अब ज्यादा सतत दृष्टिकोण अपनाएगा।

कारण

कोर्ट ने कहा- प्रदूषण के कई कारण जिम्मेदार

CJI ने कहा, "हमने समस्या की पहचान कर ली है, लेकिन हमें सभी कारणों की पहचान करनी होगी। इसका कोई एक कारण नहीं है। केवल क्षेत्र विशेषज्ञ ही इसके पीछे के कई कारणों का पता लगा सकते हैं। अगर कई कारण हैं, तो समाधान क्या हैं? यह भी केवल विशेषज्ञ ही पता लगा सकते हैं। हमें पहले यह समझना होगा कि सरकार ने कौनसी समितियां गठित की हैं और हर क्षेत्र में कौनसे समाधान संभव हैं।"

CJI

कल CJI ने कहा था- घूमने गया तो तबीयत खराब हो गई

कल यानी 26 नवंबर को भी एक अलग मामले की सुनवाई के दौरान प्रदूषण का मुद्दा उठा था। तब CJI ने कहा था कि प्रदूषण के चलते मॉर्निग वॉक पर जाना मुश्किल हो गया है और 55 मिनट टहलने के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसके बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रदूषण के कारण उन्होंने सैर पर जाना ही बंद कर दिया है।