ज्ञानवापी मस्जिद केस: सबसे पहले मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करेगी वाराणसी की जिला कोर्ट
वाराणसी की जिला कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित केस में अहम फैसला सुनाया। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि वह मामले में मस्जिद समिति की याचिका पर सबसे पहले सुनवाई करेगी। इस याचिका में इस पूरे केस को जन्म देने वाली हिंदू पक्ष की याचिका को ही चुनौती दी गई है। मामले में जिला कोर्ट की सुनवाई 26 मई से शुरू होगी। अभी ये तय नहीं है कि मामले में रोजाना सुनवाई होगी या नहीं।
मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में क्या कहा है?
मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में कहा है कि मस्जिद में पूजा की इजाजत और इसके वीडियो सर्वे की इजाजत मांगने वाली दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका पर कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकती क्योंकि ये उपासना स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन करती है। इस अधिनियम में 15 अगस्त, 1947 के बाद किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने और कोर्ट के इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी दिया हवाला
अपनी दलीलें पेश करते हुए मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया जिसमें उसने वाराणसी की जिला कोर्ट को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और सर्वे की मांग करने वाली याचिका की वैधानिकता पर सबसे पहले सुनवाई करने को कहा था।
हिंदू पक्ष ने अपनी याचिकाओं में क्या कहा है?
हिंदू पक्ष ने भी वाराणसी की जिला कोर्ट के सामने दो याचिकाएं पेश की हैं। इन याचिकाओं में उन्होंने मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत मांगी है। उन्होंने मस्जिद के वजूखाने में मिले 'शिवलिंग' की पूजा करने की इजाजत भी मांगी है। इसके अलावा शिवलिंग की लंबाई और चौड़ाई पता करने के लिए एक अलग सर्वे का अनुरोध भी किया गया है। इन याचिकाओं पर मुस्लिम पक्ष की याचिका के बाद सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर रही है जिला कोर्ट
बता दें कि वाराणसी की जिला कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले पर सुनवाई कर रही है। 20 मई को सुनाए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था और मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को सिविल कोर्ट से जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिला जज को 25 साल का अनुभव है और वो मामले पर सुनवाई करने के काबिल हैं।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा मामला?
दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी की सिविल कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे करने का आदेश दिया गया था। 16 मई को ये सर्वे पूरा हुआ और इसमें मस्जिद में स्थित तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा इसमें शेषनाग की आकृति, हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां, त्रिशूल, डमरू और कमल के अवशेष मिलने का दावा भी किया गया है।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर का सदियों पुराना विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल शहंशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है। दूसरी तरह मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है। पिछले तीन दशक में ये विवाद कई बार सुर्खियों में रह चुका है।