
अमेरिका द्वारा चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने से भारत पर क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब ताजा विवाद में उन्होंने चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है, जो 1 नवंबर से लागू होगा। ट्रंप का कहना है कि वे अतिरिक्त टैरिफ इसलिए लगा रहे हैं, क्योंकि चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर नियम सख्त कर दिए हैं। आइए समझते हैं क्या ये कदम भारत को कुछ राहत प्रदान कर सकता है।
फैसला
ट्रंप ने टैरिफ को लेकर क्या कहा?
ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका में निर्मित महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर भी सख्त निर्यात नियंत्रण भी लगाए जाएंगे। ट्रंप ने लिखा, 'चीन 1 नवंबर से अपने लगभग हर उत्पाद पर निर्यात नियंत्रण लागू करेगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ऐसा बिल्कुल नहीं सुना गया है और यह एक नैतिक अपमान है। इस तथ्य के आधार पर 1 नवंबर से अमेरिका चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। इसके अलावा हम सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगाएंगे।'
असर
भारत पर क्या हो सकता है असर?
जानकारों का कहना है कि चीन पर टैरिफ अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात बढ़ाने में मदद कर सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष एससी रल्हन ने PTI से कहा, "चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के उच्च टैरिफ से भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे 2024-25 के दौरान अमेरिका को कुल 86 बिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात होगा। इस वृद्धि से हमें लाभ हो सकता है।"
व्यापारी
व्यापारियों को भी निर्यात बढ़ने की उम्मीद
एक कपड़ा निर्यातक ने कहा, "चीनी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ से हमें बढ़त मिलेगी। चीन से आयात पर अमेरिका द्वारा उच्च टैरिफ भारत के लिए निर्यात के बड़े अवसर पैदा होंगे।" खिलौना निर्यातक मनु गुप्ता ने कहा, "चीनी सामानों पर ज्यादा टैरिफ खरीदारों को आकर्षित करने में मदद करेगा। इससे समानता आएगी और हमें समान अवसर मिलेंगे। खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टारगेट जैसे अमेरिकी खरीदार नए उत्पादों के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं।"
शेयर बाजार
क्या भारतीय शेयर बाजार पर भी होगा असर?
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि ट्रंप की घोषणा का भारत सहित वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, "यदि जल्द समाधान नहीं किया गया तो उच्च मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे शेयर बाजारों पर इसका असर पड़ेगा।" इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक जी चोक्कालिंगम ने कहा, "चूंकि दोनों ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, इसलिए अल्पावधि में वैश्विक इक्विटी बाजार कमजोर होने की संभावना है।"
कीमत
इलेक्ट्रिक सामान हो सकते हैं महंगे
थिंक टैंक GTRI ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में इलेक्ट्रिक वाहनों, टर्बाइन और सेमीकंडक्टर पार्ट्स की कीमतों में वृद्धि होगी। GTRI ने कहा कि अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, जूते, सफेद वस्तुओं और सौर पैनलों के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर है। बता दें कि चीन ने जिन दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर सख्ती की है, उनका इस्तेमाल लगभग हर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में होता है।
अमेरिकी शेयर बाजार
अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट
शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। S&P 500 और नैस्डैक ने 10 अप्रैल के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.90 प्रतिशत, S&P500 2.71 प्रतिशत और नैस्डैक कंपोजिट 3.56 प्रतिशत गिरा है। ट्रंप ने अमेरिकी सॉफ्टवेयर पर नए निर्यात नियंत्रण का भी ऐलान किया है। इससे NVIDIA, टेस्ला और अमेजन जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयर में भी गिरावट आई है।