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महाराष्ट्र में मचे घमासान के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने हटाए करीब 11,000 लाउडस्पीकर
उत्तर प्रदेश सरकार ने हटाए करीब 11,000 लाउडस्पीकर

महाराष्ट्र में मचे घमासान के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने हटाए करीब 11,000 लाउडस्पीकर

Apr 28, 2022
08:39 am

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर मचे घमासान के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को राज्य में करीब 11,000 'अवैध' और 'अनाधिकृत' लाउडस्पीकरों को हटा दिया और यह अभियान अभी भी जारी है। सबसे ज्यादा 2,395 लाउडस्पीकर लखनऊ और 1,788 गोरखपुर जोन से हटाए गए हैं। इनके अलावा 35,000 से अधिक लाउडस्पीकरों की आवाज को तय डेसिबल की सीमा के तहत लाया गया है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

उत्तर प्रदेश

जिलों से 30 अप्रैल तक मांगी गई रिपोर्ट

राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि लाउडस्पीकरों की आवाज को लेकर 2018 में अदालत ने एक आदेश दिया था। सभी जिलों को कहा गया है कि अब उस आदेश को सख्ती से लागू किया जाए। जिलों से आदेश की पालना को लेकर 30 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी गई है। अधिकारियों का कहना है कि बातचीत के जरिये लोगों को आदेश के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

बयान

कहीं जबरदस्ती नहीं, लोग खुद हटा रहे लाउडस्पीकर- पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस के ADG (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार से जब प्रक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकरों से शोर और आवाज परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "हम लोगों को इसके नुकसान, अदालत के आदेश और शोर के स्तर के बारे में बता रहे हैं। कहीं भी इसे बलपूर्वक लागू नहीं किया जा रहा है। मंदिर हो, मस्जिद हो या गुरुद्वारा हो, लोग खुद आगे आकर लाउडस्पीकर हटा रहे हैं।"

अपील

धार्मिक गुरुओं ने भी की लाउडस्पीकर हटाने की अपील

लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली और बलरामपुर के शक्ति पीठ देवीपाटन मंदिर के पुजारी मिथिलेश नाथ योगी समेत कई धार्मिक गुरुओं ने लाउडस्पीकर हटाने की अपील की है। मौलाना खालिद ने कहा कि यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि अदालत के आदेश पर लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं और इससे भावी पीढ़ियों को फायदा होगा। वहीं मिथिलेश नाथ योगी ने कहा शोर से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और लोगों को परेशानी होती है।

जानकारी

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर पर चल रहा है विवाद

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर विवाद चल रहा है। इसकी शुरुआत 2 अप्रैल को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के बयान से हुई थी, जिसमें उन्होंने मस्जिदो में तेज आवाद पर बजाए जा रहे लाउडस्पीकरों पर सवाल उठाया था। इसके बाद यह विवाद बढ़ता गया और राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले अनुमति लेना जरूरी कर दिया। राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर केंद्र से मिलेगा।

लाउडस्पीकरों के लिए नियम

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

देश में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक नहीं है, लेकिन इसके उपयोग के लिए कुछ नियम हैं। केंद्र सरकार ने 14 फरवरी, 2000 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सार्वजनिक स्थलों में विभिन्न स्रोतों द्वारा होने वाले ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 को अधिनियमित किया था। इसके नियम पांच में लाउडस्पीकरों के प्रयोग को सीमित किया गया है।