सुल्तानपुरी हादसा: दो और आरोपी थे शामिल, CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड से हुआ खुलासा
देश को हिला कर रख देने वाले सुल्तानपुरी मामले में दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सागरप्रीत हुड्डा ने कहा कि मामले में दो और आरोपी शामिल थे। आशुतोष और अंकुश नामक इन सदिग्धों पर अपराध को छिपाने में मदद करने का आरोप है और वो हादसे के समय कार में सवार नहीं थे। हुड़्डा ने कहा कि इन दोनों आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और इसके लिए छापेमारी की जा रही है।
CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड से पकड़ में आए अन्य दो आरोपी
पुलिस अधिकारी हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड से अन्य दो आरोपियों के मामले को छिपाने में शामिल होने की बात सामने आई है और उनके पास इसके वैज्ञानिक सबूत हैं। पुलिस के अनुसार, आशुतोष कार का मालिक है, वहीं अंकुश एक मुख्य आरोपी का भाई है। गिरफ्तार किए जा चुके पांच मुख्य आरोपियों के नाम दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल (27) हैं।
CCTV में भी मुख्य आरोपियों के साथ दिखे अन्य दो लोग
पुलिस के बयान की पुष्टि करने वाला एक CCTV वीडियो भी सामने आया है। इसमें आरोपियों को कार से उतरते हुए देखा जा सकता है और दो लोग पहले से ही उनका इंतजार कर रहे हैं। वीडियो में एक आरोपी को कार से उतरने के बाद झुककर कार के बाएं हिस्से को चेक करते हुए भी देखा जा सकता है। अंजलि इसी हिस्से की तरफ अटकी थी। इसके बाद आरोपी ऑटो करके मौके से फरार हो जाते हैं।
घटना के समय दीपक नहीं अमित चला रहा था गाड़ी- पुलिस
हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि घटना के समय दीपक खन्ना नहीं, बल्कि अमित खन्ना गाड़ी चला रहा था। पहले दीपक के गाड़ी चलाने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, जिसके कारण आरोपियों ने उसे बचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आरोपियों के बयानों को आपस में मिलाया जा रहा है और पुलिस को उनके बयानों में विरोधाभास मिला है।
आरोपियों और पीड़िता के बीच नहीं मिला कोई संबंध
हुड्डा ने यह भी कहा कि पीड़िता और आरोपी पहले से एक-दूसरे को नहीं जानते थे और कॉल रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि हुई है। यह तथ्य मामले के लिए बेहद अहम है और दोनों पक्षों के बीच कोई संबंध मिलने पर पूरा केस पलट जाता।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के अमन विहार की रहने वाली 20 वर्षीय अंजलि 1 जनवरी को सुबह अंधेरे में अपनी दोस्त निधि के साथ स्कूटी से वापस लौट रही थी, तभी सुल्तानपुरी में एक कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर में निधि तो अलग गिर गई, लेकिन अंजलि का पैर गाड़ी में ही फंस गया। कार अंजलि को करीब 13 किलोमीटर तक घसीट कर ले गई और इस दौरान आई चोटों से उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
निधि पर भी उठ रहे सवाल
मामले में अंजलि की दोस्त निधि पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि हादसे के बाद उसने न तो पुलिस को घटना की सूचना दी और न ही अंजलि और अपने परिजनों को इसके बारे में बताया। निधि ने अपनी सफाई में कहा है कि वह हादसे से इतना घबरा गई थी कि सीधे घर चली गई। उसने हादसे के समय अंजलि के नशे में होने का दावा भी किया है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।