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चंद्रयान-2: विक्रम लैंडर से कैसे टूटा संपर्क, ISRO इन तरीकों से लगाएगा पता

चंद्रयान-2: विक्रम लैंडर से कैसे टूटा संपर्क, ISRO इन तरीकों से लगाएगा पता

Sep 07, 2019
02:45 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के कई कारणों की जांच करेगा। ISRO यह पता लगाएगा कि ऐसे कौन से कारण रहे होंगे, जिनकी वजह से विक्रम का कंट्रोल रूम से संपर्क टूटा। इसके लिए विक्रम के फाइनल एमिशन और सिग्नल के डाटासेट और इसके सेंसर डाटा की जांच की जाएगी। साथ ही ISRO ग्लोबल स्पेस नेटवर्क से सेंसर डाटा हासिल कर इसकी जांच करेगा। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।

जानकारी

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से भी ली जाएगी मदद

ISRO के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 मिशन पर भेजे गए ऑर्बिटर की भी मदद लेंगे। इसकी मदद से उस क्षेत्र को देखा जाएगा, जहां से विक्रम का संपर्क टूटा। उम्मीद है कि इससे ISRO को बड़ी मदद मिल सकती है।

मिशन

चंद्रयान-2 मिशन का 95 फीसदी हिस्सा कर रहा काम

भारत का यह दूसरा चंद्रमा मिशन था। इससे पहले चंद्रयान-1 सफल रहा था। चंद्रयान-2 की असफलता सिर्फ इतनी रही है कि इसके तहत भेजा गया लैंडर चांद की सतह पर नहीं उतर पाया। विक्रम जब चांद की सतह से दो किलोमीटर ऊपर था, तभी इसका कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया। इससे दोबारा संपर्क साधने की कोशिशें भी रंग नहीं ला सकी। बता दें, इसे शनिवार रात 1 बजकर 52 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंड करना था।

प्रतिक्रिया

क्रैश होने की बातों पर ISRO की प्रतिक्रिया

विक्रम का ISRO से संपर्क टूटने के बाद यह आशंका भी जताई जा रही है कि यह क्रैश हो गया है। हालांकि, अभी तक इसकी स्थिति का पता नहीं है। ISRO ने इस सवाल पर प्रतिक्रिया दी है। ISRO वैज्ञानिक देवी प्रसाद कार्निक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है। हमारे पास अभी तक कोई रिजल्ट नहीं है। इसमें समय लगता है। हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते।"

माहौल

वैज्ञानिकों में छाई निराशा

विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद ISRO मुख्यालय में वैज्ञानिकों के चेहरों पर मायूसी छा गई। सालों से चांद की सतह छूने की कोशिश में लगे इन वैज्ञानिकों की निराशा साफ नजर आ रही थी। ISRO प्रमुख ने विक्रम से संपर्क टूटने की जानकारी वहां मौजूद प्रधानमंत्री मोदी को दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO मुख्यालय से निकलने से पहले वैज्ञानिकों के बीच जाकर कहा कि इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ है। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।

संबोधन

देश के नाम संबोधन में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी

शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरा देश रातभर वैज्ञानिकों के साथ लगा हुआ था। ISRO की यह उपलब्धि छोटी नहीं है। पूरा देश इस पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे रास्ते में एक आख़िरी कदम में रुकावट आई हो लेकिन हम अपनी मंजिल से डिगे नहीं हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है, देश को इसका पूरा भरोसा है। आप लोग शानदार प्रोफेशनल हैं।