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PoK में आतंकी शिविर सक्रिय, जम्मू में आतंकियों की मौजूदगी; क्या है चिंता की बात?
PoK में आतंकी शिविर के सक्रिय होने और जम्मू में आतंकियों की मौजूदगी की खबर है

PoK में आतंकी शिविर सक्रिय, जम्मू में आतंकियों की मौजूदगी; क्या है चिंता की बात?

लेखन आबिद खान
Dec 28, 2025
05:53 pm

क्या है खबर?

पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। खबर है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में फिर से आतंकी शिविर सक्रिय हो रहे हैं। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की बड़ी बैठक हुई थी, जिसमें कई शीर्ष दहशतगर्दों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा जम्मू में 30-35 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय होने की भी जानकारी सामने आई है। इसके बाद सुरक्षाबलों ने पेट्रोलिंग बढ़ाते हुए तैनाती सख्त की है। आइए जानते हैं ये कितनी चिंता की बात है।

PoK

PoK में बढ़ी आतंकी गतिविधियां

रिपोर्ट के मुताबिक, मीरपुर में अब्दुर रऊफ, रिजवान हनीफ, अबू मूसा जैसे शीर्ष आतंकियों की मौजूदगी की खबर है। ये दहशतगर्द जैश की बैठक में शामिल होने आए थे। पाकिस्तान में कई जगहों पर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी शिविरों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लोअर दीर ​​में लश्कर का प्रशिक्षण कैंप जिहाद-ए-अक्सा पिछले कुछ महीनों से सक्रिय है। PoK में LeT ने अपनी महिला विंग को भी सक्रिय कर दिया है।

शिविर

मीरपुर में शिविर लगाने जा रहा जैश

जैश-ए-मोहम्मद अगले साल की शुरुआत में मीरपुर में 7 दिन का दौरा तरबिया प्रशिक्षण शिविर लगाने जा रहा है। इसमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। गढ़ी हबीबुल्लाह, बालाकोट और PoK में दूसरी जगहों पर भी जैश की मौजूदगी बढ़ने की खबर है। इससे पहले खबर आई थी कि भारत के हमलों में बर्बाद हुए शिविरों को बसाने में पाकिस्तान सरकार आतंकियों की मदद कर रही है।

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जम्मू

जम्मू में 30-35 आतंकी मौजूद होने की खबर

जम्मू के ऊंचे और मध्य पर्वतीय इलाकों में लगभग 30-35 पाकिस्तानी आतंकवादियों के छिपे होने की खबर है। इसके बाद भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ और डोडा जिलों में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिए हैं। लगातार अभियान और स्थानीय समर्थन कमजोर पड़ने के कारण ये आतंकी आबादी से दूर पहाड़ी इलाकों में छिपने की कोशिश कर रहे हैं। आतंकवादी कोहरे और बर्फबारी का फायदा उठाकर सुरक्षा बलों से बच निकलने और घुसपैठ की कोशिश में हैं।

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तलाश

सुरक्षाबलों ने बढ़ाई सख्ती

सेना ने अस्थायी बेस और निगरानी पोस्ट बनाकर पहाड़ियों, जंगलों और घाटियों में नियमित पेट्रोलिंग शुरू की है। आतंकियों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए हीट सेंसिटिव उपकरण और घुसपैठ और आने-जाने के रास्तों की पहचान करने के लिए ड्रोन, जमीनी सेंसर और निगरानी रडार सहित कई प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), विशेष अभियान समूह (SOG), और ग्राम रक्षा दल (VDG) संयुक्त अभियान चला रहे हैं।

शिविर

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में खत्म किए थे आतंकी शिविर

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इनमें जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी ठिकाने शामिल थे। इन हमलों में 80 से 100 के बीच आतंकवादी मारे गए थे। भारत ने बहावलपुर में स्थित मरकज सुब्हान अल्लाह, मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा और सरजाल में जैश की अहम लॉन्चिंग साइट बर्बाद कर दी थी। जैश प्रमुख मसूद अजहर का परिवार भी तबाह हो गया था।

चिंता

भारत के लिए क्या चिंता की बात?

'ऑपरेशन सिंदूर' में तबाह हुई आतंकी शिविरों को बसाने में पाकिस्तान सरकार और ISI भी आतंकियों की मदद कर रही है। लश्कर ने अपनी महिला विंग भी शुरू की है। दिल्ली में हुए कार धमाके में इस विंग का नाम सामने आया था। चिल्लई कलां के दौरान कड़ाके की ठंड और कोहरे का फायदा उठाकर आतंकी घुसपैठ की फिराक में है। पाकिस्तानी ISI पड़ोसी देशों में अस्थिरता का इस्तेमाल भारत विरोधी विचारधारा को भड़काने में कर सकती है।

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