शराब नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बिना मुकदमे लंबे समय जेल में नहीं रख सकते
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की शराब नीति से संबंधित मामले में जेल में बंद शराब कंपनी पेरनोड रिकॉर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक बेनॉय बाबू को जमानत दे दी है। कोर्ट ने यह देखते हुए उन्हें जमानत दी कि वह 13 महीने से सलाखों के पीछे हैं, लेकिन अभी भी उनके खिलाफ मुकदमा शुरू नहीं हुआ है। कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि वह बिना मुकदमे के इतने लंबे समय तक लोगों को हिरासत में नहीं रख सकती।
CBI और ED के आरोपों में विरोधाभास
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान खन्ना ने कहा, "हम अभी भी नहीं जानते कि यह कैसे होगा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जो आरोप लगा रहा है और ED जो आरोप लगा रहा है, उसके बीच विरोधाभास प्रतीत होता है।" पीठ ने बाबू को यह कहते हुए जमानत दी कि वह 13 महीने जेल में रह चुके हैं और उनके आवेदन में उठाए गए तथ्य परिस्थितियों के आधार पर सही है।
क्या है शराब नीति मामला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत शराब के ठेकों को निजी हाथों में सौंपा जाना था और 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थीं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए CBI जांच की सिफारिश की थी। मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया फरवरी से और संजय सिंह अक्टूबर से जेल में हैं।